🔎 उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाला! मदरसों के नाम पर स्कॉलरशिप फर्जीवाड़ा, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश
उत्तराखंड के यूएसनगर जिले में स्कॉलरशिप फंड में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल जैसे संस्थान को अल्पसंख्यक मदरसा बताकर छात्रवृत्ति हड़पने का मामला उजागर हुआ है। इस गंभीर मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
📌 हाइलाइट्स से पहले जानिए… क्या है पूरा मामला?
- 📅 वर्ष 2021-22 और 2022-23 में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) पर दर्ज हुए अल्पसंख्यक छात्रों के आवेदनों की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है।
- 🔍 यूएसनगर जिले में छह मदरसों समेत अन्य संस्थानों के 456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध</strong मिली है।
- 🏫 हैरानी की बात: किच्छा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का नाम मदरसे के रूप में सामने आया है।
- 🧑💼 संचालक का नाम मोहम्मद शारिक-अतीक दर्शाया गया है, जबकि पोर्टल पर 154 अल्पसंख्यक छात्रों का विवरण दर्ज है।
🧾 मुख्यमंत्री धामी ने दिए दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच सौंपी है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
धकाते ने कहा कि राज्यभर में छात्रवृत्ति आवेदनों की प्रामाणिकता की व्यापक जांच की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
📂 किस प्रकार हुआ खुलासा?
- जांच के दौरान 796 छात्रों के दस्तावेजों की पुष्टि की जा रही थी।
- इनमें से 456 छात्रों की जानकारी पर संदेह जताया गया।
- विशेष रूप से सरस्वती शिशु मंदिर का नाम मदरसा दिखाकर स्कॉलरशिप ली गई जो सबसे बड़ा खुलासा बना।
⚠️ आगे क्या?
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी संस्थान छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा एवं समाज को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है।



