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उत्तराखंड विधानसभा सत्र समाप्त हो चुका है लेकिन अभी भी विपक्ष सरकार पर लगातार आरोप लगा रहा है विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को बोलने नही दिया गया और सत्र की समाप्ति कर दी गई इसको लेकर के नेता उप प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी में सरकार पर आरोप लगाए हैं.

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हो चुका है लेकिन विपक्ष के विधायकों की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही है. सदन के अंदर से लेकर बाहर तक विपक्ष अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. वही अब उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्र चलाने में सरकार का भरपूर सहयोग किया और सभी जगह प्रतिभाग भी किया. तब यह सूचना आई कि एक गरीब लड़की की हत्या हो गई है. तब यशपाल आर्य सहित कई विधायकों हाउस में बोलकर घटनास्थल पर पहुंच गए. जब हम लोग वापस सदन में लौटते हैं.

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“सीएम धामी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर नहीं दिया धन्यवाद”

उन्होंने कहा कि हमारे जिन विधायकों को चर्चा में भाग लेना था उनके नाम नहीं लिए गए. तब हमने सरकार से अनुरोध किया कि इन्हें भी सामान्य बजट में बोलने दिया जाए और हमने विरोध भी प्रकट किया लेकिन हमें फिर भी बोलते नहीं दिया गया. सरकार द्वारा प्रस्ताव लाया गया कि यह सत्र को अब अनिश्चितकाल के लिए समाप्त किया जाता है. आगे उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार किया गया है. आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव भी नहीं रखा और बजट पर भी अपनी बात नहीं रखी.

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आपको बता दें 26 फरवरी को शुरू हुआ बजट सत्र 29 फरवरी को समाप्त कर दिया गया सरकार ने इसकी वजह बताएं कि एजेंडा जितना तय किया गया था उतना कम बजट सत्र के दौरान हो चुका था ऐसे मुंह से आगे चलने का कोई मतलब नहीं था तो वहीं विपक्ष का कहना था कि बजट सत्र 2 मार्च तक चलना था लेकिन जिस तरह से बजट सत्र को समय से पहले समाप्त किया गया उसका सीधे तौर पर मतलब है कि सरकार विपक्ष की बात सुना नहीं चाहती है.

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