शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि दो मार्च 2017 की रात भगवानपुर थाना क्षेत्र के गांव में एक अविवाहित लड़की की हत्या कर दी गई थी। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर उपनिरीक्षक ठाकुर सिंह रावत अपने सहकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे थे तो परिवार वाले मृतका के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। मृतका की माता व परिजनों की गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी।
भगवानपुर थाना क्षेत्र में पुत्री की हत्या करने वाली मां को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि दो मार्च 2017 की रात भगवानपुर थाना क्षेत्र के गांव में एक अविवाहित लड़की की हत्या कर दी गई थी।
कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर उपनिरीक्षक ठाकुर सिंह रावत अपने सहकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे थे तो परिवार वाले मृतका के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। मृतका की माता व परिजनों की गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी। जिसपर पुलिस ने मृतका लड़की के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका का गला घोंटने, दाहिनी हथेली पर जलने व फटने के निशान मिले थे।
मृतका की मां के खिलाफ मुकदमा
दरोगा ठाकुर सिंह रावत ने मृतका की मां सय्यारा पत्नी रब्बान निवासी ग्राम सरठेड़ी शाहजहांपुर थाना भगवानपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपित महिला को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। पुलिस ने जांच में पाया था कि आरोपित महिला अपनी मृतका पुत्री का निकाह कराना चाहती थी लेकिन मृतका वहां पर निकाह करने से मना कर रही थी, जिसपर आरोपित महिला ने अपनी पुत्री की हत्या कर दी थी।
मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 7 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित महिला सय्यारा को दोषी पाया है।