राजधानी देहरादून के एक निजी लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के परिजनों ने कश्मीर की रहने वाली एक सहपाठी छात्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित छात्रा के परिजनों का कहना है कि आरोपी छात्रा उनकी बेटी को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रही थी।
फिल्म केरला स्टोरी आपने देखी होगी, जिसमें धर्म विशेष को अपनाने के लिए छात्राओं को प्रताड़ित किया जाता है. राजधानी देहरादून में भी एक इसी तरह के मामले में शिकायत की गई है. जहां एक निजी लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा के परिजनों ने कश्मीर की रहने वाली एक धर्म विशेष से संबंधित छात्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़ित छात्रा के परिजनों का कहना है कि कॉलेज में पढ़ने वाली धर्म विशेष से संबंधित छात्रा उनकी बेटी को इस्लाम के प्रति जबरन प्रेरित कर रही थी.
क्या बोली पीड़ित छात्रा?
मीडिया से बात करते हुए पीड़ित छात्रा ने बताया कि आरोपी छात्रा देहरादून के एक लॉ कॉलेज में उसके साथ पढ़ती है. साल 2021 में लॉ कॉलेज में उसने एडमिशन लिया था. 2022 में वह आरोपी छात्रा से काफी घुलमिल गई थी. दोनों में अच्छी दोस्ती थी. दोनों एक दूसरे के घर पर आते जाते रहते थे. इस बीच वह धर्म विशेष के लिए उसे लगातार प्रेरित करती रही. ज़ी मीडिया से बात करते हुए पीड़ित छात्रा ने कहा है कि वह बार-बार उसे धर्म परिवर्तन के लिए कहती थी.
बार-बार उसे धर्म विशेष के अमीर लड़के से शादी करने के लिए कहती थी. पीड़ित छात्रा के परिजनों का कहना है कि आरोपी छात्रा के संपर्क में आने से उनकी बेटी के व्यवहार में काफी बदलाव था. आरोपी छात्रा ने पीड़ित छात्रा को धमकाना भी शुरू किया और उसकी प्राइवेट पिक्चर भी लीक करने की धमकी दी. पीड़ित छात्रा की मां का कहना है कि कई लोगों से उनकी बेटी को धमकाया भी जा रहा है।
क्या बोले एसएसपी?
इस मामले पर एसएसपी देहरादून का कहना है कि मुकदमा दर्ज किया गया है. अब दोनों ही पक्षों से इस पूरे मामले में जांच की जाएगी. अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. आरोप गंभीर है इसलिए पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है. इस मामले में आरोपी छात्रा से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन आरोपी छात्रा नहीं फिलहाल मामले में बात करने से मना कर दिया.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इस मामले में राजधानी देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गयाहै. उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के क्षेत्र 3 और 5 में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके अलावा भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धारा 384 और 506 में मुकदमा दर्ज किया गया है.