देहरादून: शिक्षामंत्री धन सिंह रावत को शिक्षा विभाग के ही एक कार्यक्रम में मंच पर जो बातें सुननी पड़ी वो विभाग में चर्चा का सबब बनी हुई हैं. विभाग के एक शिक्षक ने भरे मंच पर मंत्री के सामने ही सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्य विहीन होने का मामला उठाया था. जिसके बाद शिक्षक को जवाब तलब भी किया गया है. अब उस पर कार्रवाई करीब तय मानी जा रही है.
चमोली में पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज ग्वाड़ देवलधार के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत उस समय असहज हो गए, जब एक शिक्षक ने मंच पर शिक्षा मंत्री के सामने ही सरकारी विद्यालय में प्रधानाचार्य नहीं होने का मामला उठाया. टीचर ने सालों से शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने की बात कही. यह बात सुनते ही मंच पर खड़े दूसरे अधिकारी उन्हें रोकने की कोशिश करने लगे लेकिन शिक्षक ललित मोहन सती सबको रोककर बोलते रहे.
इस दौरान बीच में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बोलने की कोशिश की तो उन्हें भी शिक्षक ने रोक दिया. अपनी पूरी बात सुनने के लिए कहा. मंच पर यह सब होता रहा, जिसे देख कर हर कोई हैरान था. हालांकि शिक्षा मंत्री ने खुद ही सभी को रोकते हुए शिक्षक को अपनी बात पूरी करने के लिए कह दिया.
इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया. शिक्षक ललित मोहन सती को नोटिस भेज कर जवाब तलब कर लिया है. हालांकि, इस नोटिस का जवाब शिक्षक ललित मोहन सती द्वारा दे दिया गया है. इसके बाद अब शिक्षा विभाग को इस पर निर्णय लेना है.
शिक्षा विभाग कार्यक्रम के दौरान मंच पर जो भी हुआ उसे अमर्यादित वक्तव्य और पूर्व अनुमति के बिना मान रहा है. इसी को लेकर शिक्षा विभाग ने शिक्षक को नोटिस जारी किया. जिसका बिना देरी किए शिक्षक ललित मोहन सती ने जवाब भी दे दिया. अपर निदेशक गढ़वाल कंचन देवराड़ी ने बताया शिक्षक का जवाब मिल चुका है. अब इस जवाब के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.


