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नैनीताल में दुष्कर्म के एक मामले में कोर्ट ने आरोपित को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामला 24 नवंबर 2021 का है। पीड़िता अपने ढाई वर्ष के बच्चे के साथ अकेली घर में थी। पति उस दिन अपने रिश्तेदारी में बाहर गये थे। रात्रि लगभग 9 बजे भुवन उसके घर के दरवाजे में लात मारकर अंदर घुस आया और जोर जबरदस्ती कर उसके साथ दुष्कर्म किया।

उत्तराखंड में दुष्कर्म के आरोपित को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह की कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी अभियुक्त भुवन चन्द्र को दोषी करार देते हुये 10 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

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कोर्ट ने धारा 457 में भी दोषी करार देते हुए 5 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार का अर्थदण्ड, अर्थदंड जमा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारवास, जान से मारने की धमकी देने के अपराध में धारा 506 व 5 हजार अर्थदण्ड से दण्डित अर्थदण्ड अदा न करने पर 6 माह की सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार 27 नवंबर 2021 को पट्टी पटवारी मल्लीसेठी, कोतवाली भवाली के अन्तर्गत पीड़िता ने अभियुक्त भुवन चन्द के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

शराब पीकर घर में घुसा

24 नवंबर 2021 को पीड़िता अपने ढाई वर्ष के बच्चे के साथ अकेली घर में थी। पति उस दिन अपने रिश्तेदारी में बाहर गये थे, रात्रि लगभग 9 बजे भुवन उसके घर शराब पीकर आया और बाहर से दरवाजे को खटखटाते हुए कहने लगा कि यह मुझे पीने का पानी दे दे। पति घर ना होने के कारण दरवाजा नहीं खोला। कुछ समय बाद भुवन ने दरवाजे में लात मारकर खोलकर भुवन घर में घुस आया और जोर जबरदस्ती कर उसके साथ दुष्कर्म किया, वह बेहोश हो गयी।

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पंचायत के फैसले के खिलाफ जाकर पीड़िता ने दर्ज कराया केस

दूसरे दिन सुबह होश आया, तो पति को फोन पर यह बात बताई।। शाम को पति घर आये। पंचायत बैठी तो भुवन को आर्थिक दण्ड से दण्डित करने की बात कहि गई लेकिन पीड़िता ने अपराधी को पंचायत में क्षमा करने से मना कर दिया और अगले दिन रिपोर्ट दर्ज करायी। मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के एसआई मेहनाज अंसारी ने विवेचना पूर्ण करने के बाद आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया था।

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पेश किए 7 गवाह

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्री सुशील कुमार ने पैरवी करते हुए अभियोजन तथ्यों को साबित करने को 7 गवाह पेश किये गये। कोर्ट ने जुर्माना की राशि मे से 50 हजार पीड़िता को देने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने अब इस मामले में आरोपितों को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।