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बीते 17 दिनों से लापता चल रही नाबालिग बालिका का शव श्रीनगर डैम से बरामद किया गया. बालिका घर में बिना बताए कहीं चली गई थी, तभी से पुलिस और परिजन उसकी तालाश में लगे हुए है, लेकिन बालिका का कुछ पता नहीं चल पा रहा था. वहीं अब 17 दिनों बाद पुलिस को बालिका शव श्रीनगर डैम में मिला.

बता दें कि तिलनी-सुमेरपुर निवासी 14 वर्षीय कामाक्षी रावत पुत्री महेन्द्र सिंह रावत बीते नौ जुलाई को पिता की डांट से नाराज होकर घर में बिना बताए कहीं चली गई. परिजनों की ओर से बालिका की काफी ढूंढखोज की गई, लेकिन कहीं भी पता नहीं चल पाया. इसके बाद परिजनों ने कोतवाली रुद्रप्रयाग में गुमशुदगी दर्ज करवाई.

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वहीं, शनिवार को एक शव श्रीनगर डैम में अलकनंदा नदी में उतराता मिला, जिसकी सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची. शव को नदी से बाहर निकाला गया. शव की शिनाख्त के लिए कामाक्षी के परिजनों को बुलाया गया. प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनोज नेगी ने बताया कि बालिका का शव श्रीनगर डैम से बरामद किया गया. परिजनों ने शव की शिनाख्त की. कार्तिनगर पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की. इसके बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

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यूपी के दो नाबालिग पहुंचे केदारनाथ: घर से बिन बताए उत्तर प्रदेश के दो नाबालिग लखीमपुर खीरी से केदारनाथ पहुंच गए. पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों नाबालिगों की सूचना परिजनों को दी. पुलिस ने दोनों नाबालिगों को परिजनो को सौंप दिया.

बता दें कि 14 वर्षीय अंकुर यादव पुत्र अरुण कुमार यादव व 11 वर्षीय लखन यादव पुत्र सचेंद्र यादव निवासी माइकलगंज जिला लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश बीते 22 जुलाई को अपने घर से बिना बताए ही केदारनाथ धाम पहुंच गए. 24 जुलाई को केदारनाथ मंदिर परिसर में ड्यूटी के दौरान फायरमैन चंद्रमोहन ने उन्हें देखा और पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों बालक अपने घर से बिना बताए आए हैं.

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इस पर फायरमैन चन्द्रमोहन ने इन बच्चों से इनके परिजनों का नम्बर लेकर सम्पर्क कर सूचना दी. साथ ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया. इन बालकों को दो दिनों तक फायरमैन चन्द्रमोहन ने अपने संरक्षण में रखा. शुक्रवार को लखन के पिता सचेंद्र यादव व अंकुर यादव के भाई सरोज यादव केदारनाथ पहुंचे. पुलिस ने बालकों को परिजनों के सुपुर्द किया.