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पीएम नरेंद्र मोदी के मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा और खूबसूरत हर्षिल से पूरे देश में शीतकालीन यात्रा का संदेश पहुंचा। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है।

इसके बाद उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है। इससे चारधाम यात्रा की मजबूती का आधार पर तैयार होगा।

प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ क्षण ऐसे रहे रहे जिन्होंने हर किसी का दिल छू लिया है। ये क्षण यहां के लोगों के लिए खासतौर पर यादगार बन गए। मुखबा गांव में सुरक्षा के दृष्टिकोण से महिलाओं को रासो तांदी नृत्य करने के लिए मना किया गया था। इस पर जब महिलाओं ने पीएम मोदी से गुहार लगाई तो उन्होंने मुखबा की महिलाओं के साथ नृत्य कर सबका मन मोह लिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने मुखबा गांव में मां गंगा की पूजा के बाद वहां के व्यू प्वाइंट पर पहुंचे। इस मौके पर मुखबा गांव की महिलाओं को पीएम के सामने रासो तांदी नृत्य के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें मना कर दिया।

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उसके बाद ग्रामीण महिलाओं ने जब पीएम मोदी से निवेदन किया तो मोदी स्वयं महिलाओं के बीच गए और डांडू क्या फूला फूलाला आदि गीत पर नृत्य किया।

पूर्व बीडीसी सदस्य सुधा मार्तोलिया ने बताया कि पीएम ने कहा कि वह महिलाएं उनके लिए साक्षात मां गंगा का स्वरूप हैं। वहीं पीएम ने उनके लिए बने चीणा के भात और फाफरे के पोले की रेसेपी पूछी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा आगमन से पूरा क्षेत्र निहाल है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है, जबकि कोई प्रधानमंत्री मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल पर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचा हो।

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