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कालाढूंगी आ रही हरियाणा के पर्यटकों की स्कूल बस नलिनी के पास स्टेयरिंग लाक होने से खाई में गिरी। पुलिस जांच में प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है। हालांकि बस के सह चालक कपिल का कहना है कि ब्रेक नहीं लग पाए। बस 200 मीटर खाई में गिरने के बाद पेड़ से अटक गई। 

कालाढूंगी आ रही हरियाणा के पर्यटकों की स्कूल बस नलिनी के पास स्टेयरिंग लॉक होने से खाई में गिरी। पुलिस जांच में प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है। हालांकि बस के सह चालक कपिल का कहना है कि ब्रेक नहीं लग पाए। बस 200 मीटर खाई में गिरने के बाद पेड़ से अटक गई। 100 मीटर नीचे जाती तो मौत का आंकड़ा बढ़ सकता था। पर्यटकों की बस चला रहे चालक की घटना में मौत हो गई है।

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हादसे में बस चालक की मौत
प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मियों ने अनुसार, चालक समेत तीन लोग सड़क से 300 मीटर गहरी खाई में गिरे थे, जिसमें दो को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। चालक को नहीं बचाया जा सका। 200 मीटर खाई में जिस पेड़ से बस अटकी, उस जगह पर सभी पर्यटक बस से बाहर गिरे हुए थे। बस के सभी शीशे टूटे थे। पर्यटकों के बैग भी बाहर निकले हुए थे। बस से सबसे पहले आठ साल की मासूम को बाहर निकाला गया। इसके बाद एक के बाद एक 31 लोग बाहर निकाले गए।

स्टेयरिंग लॉक होने से हुई दुर्घटना
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, घटना बस का स्टेयरिंग लॉक होने से हुई है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में तीन महिलाओं की स्थिति नाजुक है, जबकि बाकी की हालत में सुधार है।

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नहीं लगा था ब्रेक
अस्पताल में उपचार करा रहे सह चालक ने बताया कि स्कूल प्रबंधक दो चालक लेकर आया था। घटना के समय गुल्लू बस चला रहा था। उसका कहना है कि बस के ब्रेक नहीं लगे। चालक ने हैंड ब्रेक के बाद हल्के गेयर में गाड़ी रोकने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी नहीं रुकी।

दुर्घटना के सवाल पर स्कूल प्रबंधक ने जोड़े हाथ
नैनीताल घूमने के लिए न्यू मानव इंटरनेशनल स्कूल शाहपुर, ग्राम पातन, हिसार के 31 लोग आए थे, जबकि स्कूल प्रबंधक व उनकी पत्नी अपनी लग्जरी कार से आए। रविवार की शाम को स्कूल प्रबंधक बस के पीछे चल रहे थे। अस्पताल के बाहर बैठकर वह मातम जता रहे थे और मायूस थे। दुर्घटना के सवाल पर वह हाथ जोड़ते हुए कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए।

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मोबाइल का फ्लैश आन कर रेस्क्यू में जुटे एसएसपी
घटना की सूचना पर एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा नलिनी पहुंच गए थे। रात साढ़े आठ बजे से वह आपरेशन खत्म होने तक घटनास्थल पर डटे रहे। उनके एक हाथ में मोबाइल का फ्लैश था। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को निर्देश दिए। खुद भी रस्सी पकड़कर खाई से पर्यटकों को बाहर निकाला।