आगरा में रकाबगंज थाने की प्रभारी निरीक्षक शैली राणा और मुजफ्फरनगर के इंस्पेक्टर पवन नागर की पिटाई के मामले में पुलिस ने रविवार को इंस्पेक्टर की पत्नी, साले और उसकी पत्नी को जेल भेजा है।
अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
थाना प्रभारी शैली राणा के सरकारी आवास पर शनिवार की शाम को बवाल हुआ था। इंस्पेक्टर पवन नागर उनके घर आए थे। मेरठ से इंस्पेक्टर पवन नागर की पत्नी अपने परिजन के साथ आई थीं। दोनों इंस्पेक्टरों के साथ जमकर पिटाई लगाई थी। शैली राणा का हाथ मरोड़ने से उन्हें फ्रैक्चर हो गया था। थाने के पुलिसकर्मी तमाशबीन बने वीडियो बना रहे थे।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने इस मामले में दो दरोगा, तीन मुख्य आरक्षी और तीन सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर शैली राणा को निलंबित किया गया था। उनकी तहरीर पर बवाल, हत्या का प्रयास, मारपीट, गाली गलौज आदि की धारा में केस लिखा गया।
पुलिस ने मौके से मवाना रोड, मेरठ निवासी इंस्पेक्टर की पत्नी गीता नागर, सलहज सोनिका व साले ज्वाला सिंह को पकड़ा था। तीनों को जेल भेज दिया गया। इंस्पेक्टर का बेटा अधिराज भी मां के साथ आया था। उसने मारपीट नहीं की थी। उसे दादा-दादी के सुपुर्द कर दिया गया।
रील और वीडियो वायरल
मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। लोग इंस्पेक्टर शैली राणा के पक्ष और विपक्ष दोनों में कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोगों ने लिखा कि पुलिस के सामने इंस्पेक्टर से मारपीट होती रही। थाने की पुलिस चाहती तो यह मामला इतना तूल नहीं पकड़ता।
आगरा से बना इंस्पेक्टर का मेडिकल
इंस्पेक्टर पवन कुमार का स्थानांतरण मुजफ्फरनगर से विजिलेंस में हुआ है। उन्हें लखनऊ में ज्वाइन करना था। अभी उन्हें कोई सेक्टर आवंटित नहीं हुआ था। वह मेडिकल अवकाश पर चल रहे थे। उनका मेडिकल भी आगरा से ही बना था। मेडिकल अवकाश पर रहने के दौरान घटना हुई है। इस वजह से उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। कमिश्नरेट से उनके खिलाफ मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है।
मूकदर्शकों को बाहर भेजने की तैयारी
दूसरी ओर, थाने में घटना के दौरान मूकदर्शक बने रहे पुलिसकर्मियों को कमिश्नरेट से बाहर स्थानांतरित करने की तैयारी है। डीसीपी ने कहा कि किसी को जिले में नहीं रहने दिया जाएगा।