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जलालुद्दीन उर्फ छांगुर गिरोह की ओर से दून में युवती का धर्मांतरण कराने का एक और मामला सामने आया है। गिरोह ने इस बार बीएससी पास युवती को अपना निशाना बनाया है।

युवती को पाकिस्तान से जूम एप के माध्यम से कुरान की तालीम दी जा रही थी।

गिरोह के तार दुबई से भी जुड़े हैं, जहां युवती लुडो गेम के जरिए कुछ पाकिस्तान के मौलवियों से हुई। युवती के पास से इस्लाम से जुड़ी कुछ किताबें भी मिली हैं। इस मामले में अब प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मतांतरण करवाने में जुटे छह आरोपितों का नाम सामने आया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह व एसपी देहात जया बलूनी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व रानी पोखरी निवासी मरियम से पूछताछ के दौरान प्रेमनगर निवासी सुमैया के बारे में जानकारी मिली थी। आरोपित अब्दुल रहमान ने मतांतरण के लिए सुमैया को भी प्रेरित किया था युवती से मिलकर उसकी काउंसलिंग की गई और उसके उसके स्वजनों को इस संबंध में सूचित किया गया।

सुमैया उम्र 28 वर्ष जोकि पढाई करने के लिए बरेली से देहरादून आई थी, को बहला फुसलाकर और प्रलोभन देकर कुछ मुस्लिम लोगों ने धर्मांतरण के लिए उसका ब्रेनवाश किया। गिरोह ने उसका मतांतरण कराकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करने के लिए दबाव बनाया। इस मामले में थाना प्रेमनगर में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि सुमैया प्रारंभ से ही केंद्रीय विद्यालय में पढ़ी और गणित में बीएससी की हुई है। कालेज के दौरान एनसीसी में सी सर्टिफिकेट प्राप्त है तथा बहुत अच्छी पेंटर भी है। युवती ने फाइन आर्ट्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।

युवती का अपने स्वजनों से कुछ कारणवश तालमेल न होने के कारण बरेली की रहने वाली एक मुस्लिम युवती से दोस्ती हुई जिसने इसका विश्वास जीतकर धीरे-धीरे इस्लाम धर्म के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताकर और मुस्लिम साहित्य उपलब्ध करवाकर इसका संपर्क कश्मीर की एक युवती से कराया।

उस युवती ने जूम एप पर सुमैया को कुरान की तालीम दी। कश्मीर के पुलवामा की रहने वाली कुरान की तालीम देने वाली युवती ने सुमैया को रमजान में कश्मीर भी बुलवाया और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।

इसी दौरान पीड़ित कश्मीरी युवकों के संपर्क में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आई। सभी लोगों ने मिलकर उसे मतांतरण के लिए प्रेरित किया। देहरादून में पढाई के दौरान सुमैया ने अपनी बनाई पेंटिंग के प्रचार व बिक्री के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया, क्योंकि वह इस दौरान देहरादून में वाल पेटिंग के काफी काम भी कर रही थी।

इंटरनेट मीडिया पर एक्टिव रहने के दौरान वह पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में आई, जिन्होंने पीड़ित को ‘रिवर्ट टू इस्लाम’ नाम के कई ग्रुप ज्वाइन कराए। ग्रुप के जरिए युवती का संपर्क पाकिस्तान, इजिप्ट, यूके व अन्य मुस्लिम देशों के अलग-अलग लोगों से हुआ। सबने मिलकर युवती को इस्लाम के प्रचार में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

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पाकिस्तानी एप लूडो स्टार से हुआ झुकाव

सुमैया ने बताया कि उसने एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन लूडो स्टार डाउनलोड किया और वह पाकिस्तानियों के साथ लूडो खेलने लगी। उसने यह भी बताया कि जब उन लोगों से उसकी चेट होने लगी और उन्हें लगने लगा कि उसे इस्लाम में रूचि है तो वह स्वागत ग्रुप में बहुत गर्मजोशी और एक सेलीब्रेटी के रूप में उसका मनोबल बढ़ाते थे।

यह सब उसे अच्छा लगता था और इस्लाम धर्म के लिए के लिए उसका झुकाव और ज्यादा बढ गया। इसी उसकी बरेली की दोस्त ने वर्ष 2022 में इसे आनलाइन जूम पर कलमा पढाकर कहा कि अब तुम्हारा मतांतरण हो चुका है और तुम्हें अब मुस्लिम रीति रिवाज से ही आगे की जिंदगी गुजारनी है।

लूडो खेलने के दौरान समुैया की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई, जिसने निशुल्क कुरान पढाने का प्रस्ताव दिया। मौलवी आनलाइन कुरान की कक्षा कई लोगों को देता था जिनमें भारत से भी कई लोग जुडे थे।

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सुमैया के खाते में मंगवाई रकम, दुबई से पाकिस्तान भिजवाए

एसएसपी ने बताया कि सुमैया कुरान पढ़ाने वाले मौलवी तनवीर अहमद को कुरान पढ़ाने का शुल्क देना चाहती थी तो जब उसने इस संबंध में अपने पाकिस्तानी दोस्त तहसीन से संपर्क किया तो उसने सलाह दी कि अगर तुम सीधे मौलवी के खाते में रकम डालोगे तो शक के दायरे में आ जाओगे।

भारत के ही कुछ अन्य लोग जो मौलवी को रुपये भेजना चाहते हैं, उन्हें आपके खाते में डाल देंगे और यह रकम सुलेमान के भारत के खाते में डाल देना। वह दुबई में उनसे रुपये लेकर मौलवी तक पाकिस्तान पहुंचा देगा । सुमैया ने कुछ ट्रांजेक्शन तहसीन के खाते में किए हैं।

आरोपितों ने धर्मांतरण के लिए दिल्ली बुलाया

सुमैया के संपर्क में आने वाले कई व्यक्तियों ने इस्लाम से जुड़ने के लिए उसे दिल्ली बुलाया। कहा कि उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण कानून तथा यूसीसी लागू होने के कारण वह पकड़े जा सकते हैं। इस केस में अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह निवासी भगतविहार, करावलनगर उसके दो बेटे अब्दुल रहीम व अब्दुल्ला, अब्दुर रहमान उर्फ रुपेंद्र सिंह उर्फ प्रताप उर्फ शंभू निवासी मोहम्मद हुकुमतपुर, शंकरपुर सहसपुर, आयशा उर्फ कृष्णा निवासी ओल्ड गोवा व सुलेमान निवासी कांवली का नाम सामने आया है। गिरोह से जुडे कुछ व्यक्तियों को आगरा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।