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भाजपा ने गजराज सिंह बिष्ट को हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम से मेयर का प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने गजराज को दिन में ही इसके संकेत दे दिए थे। इसी कारण गजराज ने दिन में ही तीन नामांकन पत्र खरीदे।

उधर भाजपा के एक धड़े को इससे बड़ा झटका लगा है। हल्द्वानी नगर निगम की सीट जब से ओबीसी हुई थी तब से ही गजराज बिष्ट ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की। उधर भाजपा का एक धड़े ने व्यापारी नेता नवीन वर्मा को भाजपा ज्वाइंन करा दी। उधर गजराज ने उस समय अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया।

अंतिम अधिसूचना जारी होने पर यह सीट सामान्य हो गई। ऐसे में लगा कि सीट निर्वतमान मेयर जोगेंद्र रौतेला के लिए ही सामान्य की गई है। इसकी संभावना भी इसलिए जताई जाने लगी कि जब जनसंवाद कार्यक्रम होता था तो निर्वतमान मेयर को भी बैठाया जाता। सीट सामान्य होने पर यह माना जा रहा था कि गजराज को टिकट नहीं मिलेगा। उधर जोगेंद्र रौतेला, रेनू अधिकारी, कौस्तुभानंद और प्रमोद टोलिया के नाम पर ही चर्चा हो रही थी। भाजपा सूत्रों के अनुसार यहां बात नहीं बनी इस कारण टिकट देने में इतनी देर लगाई गई।

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दिन में पार्टी की ओर से गजराज को टिकट देने की बात साफ हो गई। उनसे पार्टी ने तैयारी शुरू करने के लिए कह दिया था। इसके बाद गजराज बिष्ट ने दिन में तीन नामांकन खरीदे। उधर जोगेंद्र रौतेला को पार्टी ने इसके संकेत दे दिए थे। इस कारण उन्होंने नामांकन फॉर्म तक नहीं खरीदा।

गजराज बिष्ट का प्रोफाइल

  • जन्म तिथि : 5 जून, 1967
  • शैक्षिक योग्यता : बीए, एमए हिंदी
  • 1989- ब्लॉक उपाध्यक्ष युवा मोर्चा
  • 1992- जिला संयोजक एबीवीपी
  • 1996- महासचिव छात्रसंघ एमबीपीजी
  • 1998- बजरंग दल कुमाऊं संयोजक
  • 2002- प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, उत्तराखंड
  • 2004- जिला महामंत्री भाजपा नैनीताल
  • 2008 – प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा, उत्तराखंड
  • 2012 – प्रदेश प्रवक्ता भाजपा, उत्तराखंड
  • 2014 – प्रदेश सदस्यता प्रमुख, उत्तराखंड
  • 2016 – प्रदेश महामंत्री भाजपा, उत्तराखंड
  • 2018-20 अध्यक्ष मंडी परिषद (राज्यमंत्री)
  • 2020 से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य

टिकट मिलते ही नाराजगी दूर की
कुशल राजनितिज्ञ की तरह गजराज बिष्ट ने टिकट मिलते ही देर शाम टिकट के प्रबल दावेदार रहे जोगेंद्र रौतेला, रेनू अधिकारी, प्रमोद तोलिया और कौस्तुभानंद के घर जाकर उन्हें न केवल मनाया बल्कि पार्टी का वास्ता देकर उनसे चुनाव में जीत का आशीर्वाद भी ले लिया।

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गजराज के लिए एक सांसद अड़े, बोले टिकट नहीं दिया तो दे दूंगा इस्तीफा
मेयर के टिकट को लेकर गजराज इस बार आर-पार के मूड में थे। हल्द्वानी-काठगोदाम की सीट ओबीसी से सामान्य होने पर गजराज ने इसे अपनी हार के रूप में देखा, लेकिन वह पीछे नहीं हटे। इस बार उन्हें एक सांसद का साथ मिला। सूत्र बताते हैं कि सांसद ने गजराज को टिकट न देने में इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली थी।

हल्द्वानी में गजराज को एंटी लॉबी का माना जाता है। कालाढूंगी विधानसभा चुनाव में जब वह टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव में उतरे तो उन्हें त्रिवेंद्र रावत ने किसी तरह मनाकर बैठाया था। उस समय उन्हें सत्ता आने पर सम्मान देने की बात कही गई थी। उधर जैसे ही हल्द्वानी नगर निगम की सीट ओबीसी हुई तो दूसरा गुट नवीन वर्मा को आगे कर ले आया। हालांकि सीट सामान्य होने पर भी गजराज ने आस नहीं छोड़ी। उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी। साथ ही उनके लिए गढ़वाल और कुमाऊं की एक लॉबी एकत्र हुई। बताया जा रहा है कि एक सांसद ने उन्हें टिकट न देने पर भाजपा से इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली। उधर जोगेंद्र, कौस्तुभानंद, प्रमोद तोलिया और रेनू अधिकारी के बीच भी मामला फंस गया। कुमाऊं से एक सांसद ने एक महिला नेत्री को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाया, लेकिन उनकी नहीं चली। आखिर मंथन के बाद पार्टी ने गजराज को टिकट दे दिया।

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कॉलेज के चुनाव में भी गजराज बिष्ट और ललित जोशी के बीच हो चुका हे आमना सामना

बता दे कि भाजपा प्रत्याशी गजराज बिष्ट वह कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी का चुनाव में एक बार फिर  दोबारा आमना सामना होगा

1995 में एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी के छात्र संघ के सचिव पद के लिए दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। आज 29 साल बाद शहर का पहला नागरिक बनने के लिए फिर दोनों के बीच फिर आमने-सामने का कड़ा मुकाबला हे।