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हल्द्वानी के गौला नदी के कटाव से रेलवे ट्रैक पर खतरा मडंरा रहा है. इतना ही नहीं ट्रैक नंबर 3 के नीचे से मिट्टी बह गई है. ऐसे में एहतियातन इस ट्रैक से रेलवे का संचालन रोक दिया गया है. जबकि, ट्रैक नंबर 2 और 1 से अभी ट्रेनों का संचालन हो रहा है. उधर, हरिद्वार में भी मलबा गिरने देहरादून और ऋषिकेश के बीच रेलवे ट्रैक बाधित हो गया. जिसे अब खोल दिया गया है. वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पहुंचकर मौका मुआयना किया.

पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते गौला नदी उफान पर बह रही है. जिसका असर हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा है. गौली नदी के कटाव से ट्रैक नंबर 3 के पास मिट्टी बह गई है. जिसके चलते ट्रैक नंबर 3 से रेलवे का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं रेलवे ट्रैक नंबर 3 पर बिजली के तीन पोल भी ध्वस्त होकर नदी में समा गए हैं. अगर रेलवे और जिला प्रशासन जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त नहीं की तो स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे ट्रैक नंबर 2 और 1 को खतरा पैदा हो सकता है.

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अगर इन लाइनों को क्षति पहुंचती है तो काठगोदाम से चलने वाली सभी ट्रेनों को बंद करना पड़ सकता है. रेलवे ट्रैक नंबर 3 क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने रेलवे और तमाम सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ रेलवे ट्रैक का स्थलीय निरीक्षण किया. जिसमें उन्होंने पाया कि रेलवे ट्रैक के नीचे का हिस्सा गौला नदी में चला गया है. साथ ही रेलवे की सुरक्षा दीवार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है.

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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि रेलवे ट्रैक को भी खतरा है. गौला नदी के पानी को डायवर्जन कर रेलवे ट्रैक को बचाना प्राथमिकता है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए नदी में दीवार बनाई जाए. ताकि, भविष्य में इस तरह की घटना को रोका जा सके. रेलवे ट्रैक को और क्षति न पहुंचे, इसके लिए रेलवे प्रशासन तिरपाल लगाकर रेलवे ट्रैक की सुरक्षा कर रहा है. साथ ही ट्रैक नंबर 3 के लाइनों को रस्सी से बांधा है. ताकि, लाइन नदी में न गिर सके.

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फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने ट्रैक नंबर 3 से ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है. बारिश के हालात ऐसे ही रहे तो हल्द्वानी स्टेशन के रेलवे ट्रैक नंबर दो और एक को नदी कभी की चपेट में ले सकती है. ऐसे में अगर ट्रैक नंबर दो और तीन क्षतिग्रस्त होता है तो कुमाऊं मंडल से रेलवे सेवाएं पूरी तरह से ठप हो जाएगी. फिलहाल, ट्रैक नंबर दो और एक से ट्रेनों का संचालन हो रहा है.