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नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने मुख्य नगर आयुक्त हल्द्वानी को 2 सप्ताह में सड़कों पर घूम रहे पशुओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड हाईकोर्ट में हल्द्वानी शहर सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मुख्य नगर आयुक्त हल्द्वानी को 2 सप्ताह में सड़कों पर घूम रहे पशुओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर जवाब पेश करने को कहा है, ताकि आमजन को राहत मिल सके.

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आज मुख्य नगर आयुक्त हल्द्वानी कोर्ट में पेश हुए, तभी कोर्ट ने उनसे पूछा कि जब गौ सदन बनाने के लिए आपको भूमि आवंटित नहीं हुई है, तो आपने इसे बनाने के लिए टेंडर कैसे निकाल दिया. वहीं, मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है. मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की व्यस्ततम सड़कों में आवारा गाय और बैलों के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही हैं.

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इनके आपस में लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई है. यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो रही है. कई बार इनके आपसी झगड़े की वजह से व्यस्ततम सड़कों पर कई घंटों का जाम तक लग जाता है, जबकि आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायालय सहित सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित निकायों को कई बार निर्देश जारी किए हैं, लेकिन अभी तक संबंधित निकायों द्वारा उन निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया. जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं हुई हैं. साथ ही यह भी शिकायत की गई कि संबंधित विभाग शिकायत करने पर उनके क्षेत्र से आवारा पशुओं को उठाकर सेल्टर में डालने की बजाय दूसरे क्षेत्र में भेज रहा है.

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