नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई ने कहा कि अडानी ग्रुप की इन तीनों कंपनियों ने अल्पावधि के लिए अधिक निगरानी उपाय का हिस्सा बनने की शर्तों को संतोषजनक ढंग से पूरा किया है.
अडानी ग्रुप के शेयर में पिछले कुछ दिन से जारी भारी गिरावट के बीच अडानी एंटरप्राइजेज समेत ग्रुप की तीन कंपनियां बीएसई और एनएसई के अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था (ASM) के दायरे में आ गई हैं. दोनों प्रमुख शेयर बाजार से मिली जानकारी के अनुसार अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड और अंबुजा सीमेंट्स भी एएसएम प्रारूप के दायरे में आ गई हैं.
क्या है एएसएम सिस्टम का मतलब?
बाजार के जानकारों के अनुसार किसी शेयर के एएसएम सिस्टम के तहत आने का मतलब है कि किसी कारोबारी दिन में संपन्न किए जाने वाले शेयर खरीद-बिक्री के लिए 100 प्रतिशत अग्रिम मार्जिन की जरूरत होगी. इस व्यवस्था के तहत शेयरों का चयन ऊंचे एवं नीचे के भाव में बड़ा अंतर होने, खरीदारों का संकेंद्रण, कीमत दायरा छूने की संख्या, बाजार बंद होने वाले दिन पर पिछले बंद भाव की तुलना में अधिक अंतर होने और कीमत-आय अनुपात (PE) जैसे मानकों का पालन किया जाता है.
बाजार निगरानी के आधार पर हुआ चयन
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई ने कहा कि अडानी ग्रुप की इन तीनों कंपनियों ने अल्पावधि के लिए अधिक निगरानी उपाय का हिस्सा बनने की शर्तों को संतोषजनक ढंग से पूरा किया है. इसके साथ ही शेयर बाजारों ने कहा कि एएसएम के तहत कंपनी का चयन पूरी तरह बाजार निगरानी के आधार पर किया जाता है। इसे उस कंपनी के खिलाफ प्रतिकूल कदम के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडाणी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है. ग्रुप की शीर्ष कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का मूल्य करीब 60 प्रतिशत तक गिर चुका है.