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उत्तराखंड सरकार ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज ही इसे मंजूरी दी. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया, “प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी.”

उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके साथ ही यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है.

उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधानसभा से पारित किया था. यूसीसी के तहत अब राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों को नियंत्रित किया जाएगा. यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राज्य में पिछले सभी निजी कानून खत्म हो जाएंगे.

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‘राष्ट्रपति मुर्मू ने आज दी यूसीसी को मंजूरी’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट में कहा, “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आज आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है.”

सीएम ने कहा, “निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी. प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में #UniformCivilCode अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”

धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है.”

‘महिलाओं का आत्मविश्वास मजबूत होगा’

मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी पर राज्य विधानसभा में कहा था, “यह कानून समानता, एकरूपता और समान अधिकार का है. इसे लेकर कई तरह की शंकाएं थीं लेकिन विधानसभा में दो दिन की चर्चा से सब कुछ स्पष्ट हो गया. यह कानून किसी के खिलाफ नहीं है. यह उन महिलाओं के लिए है जिन्हें सामाजिक कारणों से परेशानी का सामना करना पड़ता है.”

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मुख्यमंत्री ने कहा था, “इससे उनका (महिलाओं का) आत्मविश्वास मजबूत होगा. यह कानून महिलाओं के समग्र विकास के लिए है. बिल पारित हो गया है. हम इसे राष्ट्रपति के पास भेजेंगे. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही हम इसे कानून के रूप में राज्य में लागू करेंगे.”

 

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