देहरादून: राष्ट्रीय स्तर पर नीट पेपर लीक प्रकरण को लेकर बबाल जारी है, मामले में जांच एजेंसियों ने नकल माफियाओं की गिरफ्तारी भी की है. उधर नीट पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद उत्तराखंड में पहली प्रतियोगी परीक्षा आहूत की गई। इंटरमीडिएट स्तरीय इस परीक्षा को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा करवाया गया. खास बात यह है कि परीक्षा संपन्न होने के बाद राज्य भर में कहीं से भी पेपर लीक या दूसरी गड़बड़ियों को लेकर कोई खबर सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि इसके पीछे की वजह आधुनिक तकनीक का परीक्षा कार्यक्रम के दौरान प्रयोग करना और अतिरिक्त सतर्कता बरतने रहा.
राज्य में इंटरमीडिएट स्तरीय परीक्षा के जरिये कुल 292 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है. जिसके लिए आज रविवार को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। यह परीक्षा सुबह 11 बजे से 1 तक प्रदेश के 10 जिलों में 104 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हुई. इसमें लिखित परीक्षा के लिए कुल 40089 अभ्यर्थी नामांकित थे, जिसमें से कुल 34329 अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में हिस्सा लिया है. इस तरह लगभग 86% अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हुए हैं.
परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने परीक्षा के दौरान कुमाऊं क्षेत्र के विभिन्न परीक्षा केदो का जायजा भी लिया था. इस दौरान यह आश्वस्त किया गया था कि किसी भी स्तर पर पेपर लीक या नकल को लेकर कोई गुंजाइश ना छोड़ी जाए. पुलिस विभाग द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया तो विभिन्न विभागों ने भी अपने स्तर पर निगरानी बनाए रखी.
इस परीक्षा के माध्यम से परिवहन विभाग में आरक्षी, आबकारी सिपाही, उप आबकारी निरीक्षक, हॉस्टल मैनेजर ग्रेड 3, हाउस कीपर जैसे पदों पर भर्ती होनी है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा की परीक्षा को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाया गया है. कहीं से भी कोई भी शिकायत उन्हें प्राप्त नहीं हुई है.