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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का एक्ट 24 जून 2014 को जारी हुआ था। इसमें नकल पर कार्रवाई का सीधा अधिकार आयोग को दिया गया था। आयोग शुचिता प्रभावित करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर सकता है।

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समूह-ग की चार भर्तियों के पेपर लीक, नकल, ओएमआर शीट में छेड़छाड़ मामले में 184 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित करेगा। राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं से डिबार करने के लिए भी यह सूची आयोग को भेजी जाएगी।

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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का एक्ट 24 जून 2014 को जारी हुआ था। इसमें नकल पर कार्रवाई का सीधे अधिकार आयोग को दिया गया था। आयोग शुचिता प्रभावित करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर सकता है। वहीं, अब राज्य में नया नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है।

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वहीं, आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया का कहना है कि सभी के जवाब मिलने के बाद उन्हें देखा जाएगा। इसके बाद आरोपियों को आयोग की परीक्षाओं से पांच साल के लिए डिबार करने की तैयारी है। बता दें कि राज्य लोक सेवा आयोग ने भी समूह-ग की भर्तियों में पेपर लीक के 105 आरोपियों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है।

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फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के एक अभ्यर्थी पर लगाया था तीन साल का प्रतिबंध

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने फरवरी 2020 में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोपी एक अभ्यर्थी पर आयोग ने कार्रवाई की थी। आयोग ने उस अभ्यर्थी को मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस इस्तेमाल करने पर तीन साल से लिए प्रतिवारित (डिबार) कर दिया था।

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