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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आम लोगों के जीवन की कितनी कीमत है और समय पर उन्हें कितनी सरकारी सुविधाएँ मिलती हैं, ये इस खबर से जाहिर होता है।

यमुनोत्री धाम, जहां यात्रा सीजन में हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं, उसके बेस कैंप खरसाली से लगे गांव राना चट्टी में एक गर्भवती महिला को दुकान की गैलरी में बच्ची को जन्म देना पड़ा।

रिपोर्ट्स बता रहीं हैं कि महिला के पेट में एक और बच्चा होने की संभावना है। अभी गैरसैण विधानसभा सत्र ख़त्म भी नहीं हुआ था कि सड़क पर जन्मी बच्ची ने शासन प्रशासन के मानसून के दौरान गर्भवतियों को सुविधा देने के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी।

राणा चट्टी यमुनोत्री धाम यात्रा में यात्रियों के रुकने का प्रमुख पड़ाव है। यात्रा सीजन में यहां यात्रियों की बड़ी संख्या यहां प्रवास करती है। 24 अगस्त को क्षेत्र से लगे गीठ पट्टी के बनास गांव की गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद परिजनों ने प्रसूता को राणा चट्टी ANM सेंटर में भर्ती कराया लेकिन यहां उन्हें एएनएम ही नहीं मिली।

इसके बाद वह प्रसूता महिला को इसी हालात में वहाँ से 45 किलोमीटर दूर बड़कोट लेकर जाने लगे। रास्ते में ही महिला को प्रसव पीड़ा बढ़ गई जिसके बाद रास्ते में ही उन्हें गाड़ी से उतरना पड़ा।

इसके बाद परिजनों ने प्रसूता को रास्ते की एक दुकान में बैठाया, जहां महिला ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद क्षेत्र के लोग एकत्रित हुए और 108 को सूचना दी। मां और बच्ची को 108 से बड़कोट ले जाया गया, जहां उनकी हालात ठीक बताई जा रही है।

उत्तराखंड के पहाड़ों में एक बार फिर सड़क पर जन्मी बच्ची की ये घटना ने पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को आइना दिखा रही है। शासन प्रशासन के मानसून के दौरान गर्भवतियों को सुविधा देने के दावों की पोल खोल खोल रही है।