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देहरादून: प्रसिद्ध लोकपर्व इगास यानि बूढ़ी दीवाली इस बार राज्य में 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन उत्तराखंड में सरकारी अवकाश घोषित किया गया है।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाने वाला इगास पर्व खासा लोकप्रिय है। देवभूमि के लोग इस पर्व को बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाते हैं। साल 2024 में ये त्यौहार आगामी मंगलवार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन उत्तराखंड के सभी सार्वजनिक सरकारी संस्थानों में अवकाश रहेगा। इगास के दिन सरकारी अवकाश घोषित किया गया है।

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पहाड़ों में “भैलो” खेलने की अनूठी परंपरा

मान्यता है कि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खबर पहाड़ों में 11 दिन बाद पहुंची थी, इसलिए यहां के लोग इसे कार्तिक शुक्ल एकादशी को मनाते हैं। इगास के दिन भैलो खेलने की परंपरा है, जिसमें लोग मशाल जलाकर एक विशेष पारंपरिक लोक नृत्य चांचरी और झुमेलों करते हैं।

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वीर भड़ माधो सिंह भंडारी से जुड़ी कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक कथा ये भी है कि गढ़वाल के वीर भड़ माधो सिंह भंडारी, तिब्बत से युद्ध लड़ने के लिए भेजे गए थे। ये युद्ध दिवाली के समय में हुआ था और सैनिक घर नहीं लौट पाए थे। स्थानीय लोगों को लगा कि माधो सिंह और उनके सैनिक युद्ध में शहीद हो गए। लेकिन, दिवाली के 11वें दिन माधो सिंह अपने सैनिकों के साथ युद्ध से जीतकर लौटे थे। इसीलिए इस दिन पर धूमधाम से जश्न मनाया जाता है। इस दिन भी घरों में दीये जलाए जाते हैं और पकवान बनाए जाते हैं।