वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की बात पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं उनसे मिल सकता हूं, बात कर सकता हूं, लेकिन उनकी विचारधारा और मेरी विचारधार बिलकुल अलग है.
उत्तर प्रदेश की सिसायत में भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को लेकर अब नई चर्चा शुरू हो गई है. उनके एक बयान ने कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को समाजवादी पार्टी की तरफ मोड़ दिया है. अपनी पार्टी के खिलाफ लगातार जहर उगलने वाले वरुण गांधी इन दिनों विपक्षी पार्टियों पर मेहरबान नजर आ रहे हैं. या फिर इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि 2024 के चुनाव से पहले वो किसी बड़े फैसले की तैयारी में हैं. सियासी गलियारों में उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा इन दिनों जोरों पर है. हालांकि, कुछ सियासी पंडित ये भी कह रहे हैं कि वो समाजवादी पार्टी का दामन भी थाम सकते हैं.
समाजवादी पार्टी में वरुण गांधी के जाने की बात इसलिए उठी है क्योंकि हाल ही में उन्होंने सपा के मुखिया अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की है. बीजेपी सांसद ने कहा कि वो पूरा प्रदेश घूम चुके हैं और अकसर अखबारों में लेख लिखते रहते हैं. वरुण गांधी ने कहा, ‘मेरे लेख आप लोगों ने अखबारों में पढ़े होंगे. एक दिन मैंने सोचा कि वो कौन सा मानक है जिसके तहत किसान और आम आदमी आ सकते हैं. आखिर क्यों किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होता है.’
‘अखिलेश यादव ने की मदद’
वरुण गांधी ने कहा, ‘उसके बाद मैंने सोचा कि इतना बड़ा काम शायद मैं अकेले नहीं कर पाऊंगा. लेकिन हमने बिजनौर जिले से शुरूआत की. फिर मुरादाबाद गए, अलीगढ़ गए, हाथरस गए और ऐसे ही घूमते-घूमते गोरखपुर पहुंच गए और लोगों से आगे आने की अपील की. परेशान किसानों के लिए कुछ करने में अखिलेश यादव ने मदद की.’
वरुण गांधी की इस बात के बाद से उनके अगले फैसले के रूप में उनका समाजवादी पार्टी का दामन थामने की चर्चा चल पड़ी है. हालांकि, हाल ही में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस के पक्ष में बयान दिया था. जिसके बाद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की बात पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं उनसे मिल सकता हूं, बात कर सकता हूं, लेकिन उनकी विचारधारा और मेरी विचारधार बिलकुल अलग है.
नेहरू से की खुद की तुलना
यूपी के गुलड़िया भूपसिंह गांव में कार्यक्रम के दौरान वरुण गांधी ने कहा कि जब वो पहली बार सांसद बने तो उन्हें वेतन के रूप में एक लाख रुपये का चेक मिला था. इस पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से पूछा था कि ये किस चीज के लिए है? इस पर उन्हें जवाब मिला था कि ये उनका वेतन है.
वरुण गांधी ने कहा था कि क्या कोई सेवा के लिए भी वेतन लेता है. इसके बाद वरुण गांधी ने पैसे लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वेतन लौटाने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस पर वरुण गांधी ने उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और पूरी बात बताई. इस पर मनमोहन सिंह ने उनसे कहा कि जब नेहरू पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने भी गाड़ी, बंगला और वेतन लेने से इनकार कर दिया था.