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शिकायतकर्ता का आरोप था कि पटवारी ने नाम दर्ज कराने के एवज में उससे दस हजार रुपये की मांग की। इसलिए उसने पुलिस सतर्कता विभाग से इसकी शिकायत की।

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देहरादून के विकासनगर में हरबर्टपुर के बंशीपुर स्थित एक जमीन के अभिलेखों में वारिसान दर्ज कराए जाने के नाम पर दस हजार रुपये की रिश्वत लेने के दौरान विजिलेंस टीम ने एक पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसपी विजिलेंस ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाए जाने पर विजिलेंस ने पटवारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ने का जाल बिछाया था।

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शिकायतकर्ता मदन सिंह नेगी के पिता ने 1991 में बंशीपुर हरबर्टपुर में दो जमीनें खरीदी थी जो उनके नाम दर्ज थी। उनके पिता की मृत्यु के बाद जमीनों के अभिलेखों में वारिसान के तौर पर उनके परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज नहीं हुआ। वारिसान दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ता ने अपने बड़े भाई कमल सिंह नेगी के नाम से एक महीने पहले हल्का पटवारी ओमप्रकाश को प्रार्थना पत्र देकर नाम दर्ज कराने की कार्रवाई करने की मांग की।

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शिकायतकर्ता का आरोप था कि पटवारी ने नाम दर्ज कराने के एवज में उससे दस हजार रुपये की मांग की। इसलिए उसने पुलिस सतर्कता विभाग से इसकी शिकायत की। सतर्कता विभाग की पुलिस अधीक्षक रेणू लोहानी के दिशा-निर्देशन में मामले की प्रारंभिक जांच की गई तो आरोप सही पाए गए। इसके पश्चात सतर्कता टीम का गठन करके पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।

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इसी क्रम में सोमवार को टीम के माध्यम से पटवारी को बतौर रिश्वत दस हजार रुपये प्रदान किए गए, जिसे पटवारी ने ले लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी पटवारी ओमप्रकाश पुत्र बृजलाल निवासी केदारपुरम देहरादून को रंगे हाथ गिरफ्तार करके उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार करने वाली टीम को नगद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।

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दस दिन अंदर तीन को पकड़ा

पिछले दस दिन में विजिलेंस ने प्रदेश में तीन अधिकारियों-कर्मचारियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। पहला मामला हरिद्वार में सामने आया था, जिसमें पुलिस के दरोगा को बीस हजार रुपये रिश्वत लेते दबोचा गया था। दूसरे मामले में रुड़की में चकबंदी के पेशकार को दस हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। अब पटवारी को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है।
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