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लालकुआं

द्वितीय विश्व के दौरान भारतीय सेना की वीरांगना पार्वती देवी का शनिवार सुबह तड़के देहावसान हो गया। वह 100 वर्ष की थीं। उनके पति स्वर्गीय देवी दत्त जोशी द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी रहे।

मूल रूप से बागेश्वर जनपद के ग्राम तोली-कपकोट निवासी स्वर्गीय जोशी तीन मई 1945 को 29 वर्ष की आयु में नैनीताल में द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल रही भारतीय फौज-ब्रिेटिश आर्मी-द ट्वेल्थ फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट सियालकोट में भर्ती हुए थे और संयुक्त भारत वर्ष के सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में कार्यरत रहे।

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1947 में देश की आजादी के बाद यह फौज टूट गई थी। 8 अगस्त 2013 को उनका स्वर्गवास हो गया था। तब से स्वर्गीय पार्वती देवी द्वितीय विश्व युद्ध सेनानी वीरांगना के रूप में उनके पेंशन आदि लाभ प्राप्त कर रही थीं।

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सोमवार सुबह तड़के करीब एक बजे उन्होंने बिंदूखत्ता लालकुआं स्थित अपने पुत्र भोला दत्त जोशी के आवास पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार चित्रशिला घाट रानीबाग में किया गया, जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार दामोदर जोशी ‘देवांशु’ एवं भोला दत्त जोशी ने मुखाग्नि दी।

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उनके देहांत पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक मोहन बिष्ट, कमलेश चंदोला, पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल, पूर्व विधायक नवीन दुमका, हरेंद सिंह बोरा, भास्कर जोशी, संतोष जोशी, अरविंद जोशी, सोनू जोशी समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं अन्य लोगों ने शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।