खबर शेयर करें -

उत्तराखंड, हल्द्वानी 

हल्द्वानी में आज सीवर ट्रीटमेंट सिस्टम का डेमोंसट्रेशन हुआ, इस मौके पर कुमाऊं कमिश्नर और जल संस्थान अधिकारी मौजूद रहे, सीवर लाइन में आने वाले कचड़े को देखते हुए रोबोटिक आर्म्स सीवरेज क्लीनीज सिस्टम का डेमोंसट्रेशन किया गया, इस मशीन की लागत करीब 40 लाख है जो आधुनिक तकनीक से लैस है।

 

खासकर पहाड़ी जिलों में जहां सीवर की मशीनें नहीं पहुंचे सकती या सीवर को मैनुअली साफ करना पड़ता है उन जगहों के लिए यह सिस्टम बहुत उपयोगी है, इस सिस्टम को अभी देश के 17 राज्य अपना रहे हैं, रोबोटिक आर्म्स सीवरेज क्लीनीज सिस्टम एक बार में करीब 20 से 25 किलो कूड़े को सीवर लाइन से बाहर निकाल सकती है, यही नहीं सीवर लाइन के अंदर मौजूद गैसों के मिश्रण को भी सेंसर के द्वारा पता किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: डेंगू के तीन मरीज और मिले, कुल संख्या 103 हुई

सबसे बड़ा फायदा तो रोबोटिक आर्म्स सीवरेज क्लीनीज सिस्टम का यह है की मैनुअल तरीके से सीवर की सफाई के प्रावधान को बंद करने पर विचार किया जा सकता है क्योंकि सीवर की सफाई के दौरान सीवर लाइन में उतरने और वहां मौजूद गैंसो से कई मजदूरों की मौत हो जाती है।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: दिल्ली-पिथौरागढ़ 42 सीटर विमान सेवा कल से नियमित शुरू, कई मायनों में खास ये हवाई सफ़र

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक आने वाले दिनों में इस मशीन के लिए बजट का प्रावधान भी रखा जाएगा जिससे सीवर की सफाई रोबोटिक तरीके से हो सके।

यह भी पढ़ें -  38वें राष्ट्रीय खेल: ओलंपिक संघ ने लगाई मोहर, 28 जनवरी से उत्तराखंड में शुरू होगा खेलों का महाकुंभ

जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल सक्सेना के मुताबिक फिलहाल हल्द्वानी और नैनीताल शहर के लिए रोबोटिक आर्म्स सीवरेज क्लीनीज सिस्टम मंगवाने के लिए बजट का प्रावधान किया जा रहा है क्योंकि यह सिस्टम काफी महंगा है।