उत्तराखंड, हल्द्वानी
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी की रेलवे जमीन अतिक्रमण मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायालय ने रिलीफ की गुहार लेकर आए याचियों को काउंटर एफिडेविट देने को कहा है। उच्च न्यायालय ने सोमवार सवेरे से लगातार मंगलवार दोपहर तक स्पेशल बेंच के माध्यम से कई इंटरवेंशन एप्लिकेशन, रिलीफ एप्लिकेशन और मिसलेनियस एप्लिकेशन को मुख्य पी.आई.एल.के साथ जोड़कर सुना। जनहित याचिकाकर्ता रवि शंकर शंकर जोशी के अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने बताया कि आज सभी प्रभावित लोगों को सुनने के बाद न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
सोमवार को खंडपीठ ने अतिक्रमणकारियों की तरफ से दायर संशोधन प्राथर्नापत्र को निरस्त कर दिया था। न्यायालय ने कहा कि वर्ष 2019 में न्यायालय ने आदेश दिया था कि वे पब्लिक प्रेमिसिस एक्ट पी.पी.एक्ट के तहत भी नही आते हैं, जो इसमें आते हैं, रेलवे उन्हें नोटिस जारी कर सुनें। आज इंटरवेंशन एप्लिकेशन करने वालों के अधिवक्ता पीयूष गर्ग व अन्य को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। न्यायालय ने उन लोगों को काउंटर एफिडेविट देने को कहा है जो न्यायालय के पास विस्थापन जैसे रिलीफ मांगने के लिए आए थे।