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👧 बाल अधिकारों का उल्लंघन, कोर्ट के आदेश पर कड़ी कार्रवाई — आरोपी जेल भेजे गए

📌 Top Highlights:

🔴 कोटद्वार निवासी व्यक्ति ने बेटी के बाल विवाह व अपहरण की शिकायत दर्ज कराई
👧 पीड़िता की उम्र 17 वर्ष, आरोपी युवक बिजनौर निवासी
📅 चार जुलाई को शिकायत, तीन महीने पहले 8 अप्रैल को युवती घर छोड़कर गई थी
👩‍⚖️ न्यायालय के आदेश पर आरोपी आकाश, उसकी मां नीतू व युवती के माता-पिता गिरफ्तार
🚔 बाल विवाह निषेध अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत मामला दर्ज
🏛️ सभी चारों आरोपियों को पौड़ी जेल भेजा गया


🧾 क्या है पूरा मामला?

📍 कोटद्वार निवासी व्यक्ति ने 4 जुलाई 2025 को कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसकी 17 वर्षीय बेटी को बहला-फुसलाकर बिजनौर निवासी आकाश और उसकी मां नीतू रायपुर सादात ले गए और वहां जबरन विवाह करा दिया गया।

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🧑‍⚖️ मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि आरोपी पक्ष पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) और बाल विवाह निषेध अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तत्काल जांच शुरू की गई।


💔 प्रेम प्रसंग से सहमति तक, फिर जेल

🔍 जांच में सामने आया कि किशोरी किसानोरी और युवक आकाश के बीच प्रेम संबंध था।
📆 8 अप्रैल को किशोरी स्वेच्छा से आकाश के साथ घर से चली गई थी।
👩‍👧‍👦 अगले दिन आकाश की मां नीतू ने बेटी को कोटद्वार कोतवाली लाकर सौंपा, जहां किशोरी ने किसी जबरदस्ती से इनकार किया।

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🤝 इसके बाद काउंसलिंग के उपरांत पुलिस ने किशोरी को परिजनों को सौंप दिया।
⚠️ लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उसके माता-पिता ने नाबालिग बेटी का विवाह आकाश से स्वयं करवा दिया, जो कि कानूनन अपराध है।


🏛️ कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तारी और जेल

📜 न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया और चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए।
👮‍♂️ आदेश के अनुपालन में पुलिस ने

  • आकाश (दूल्हा)

  • उसकी मां नीतू

  • नाबालिग की मां

  • और पिता
    को गिरफ्तार कर पौड़ी जिला जेल भेज दिया।

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⚖️ कानून क्या कहता है?

📌 बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार,

  • लड़कियों की न्यूनतम विवाह योग्य उम्र 18 वर्ष और

  • लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित है।

📛 नाबालिग से विवाह, चाहे सहमति से हो या ना हो — कानूनन अपराध है
🔒 इसमें शामिल माता-पिता, दूल्हा, और मध्यस्थ सभी दंडनीय अपराध के दायरे में आते हैं।


📢 प्रशासन का संदेश: बाल विवाह पर जीरो टॉलरेंस नीति

👮 पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि:

“किसी भी स्थिति में नाबालिग के विवाह को सामाजिक या पारिवारिक सहमति के आधार पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


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By Editor