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📌 Top Highlights | मुख्य बिंदु:

🔹 नैनीताल जिले में भारी बारिश और आपदा अलर्ट के चलते स्कूलों में छुट्टी
🔹 शिक्षक बोले – “सड़कें बंद, मलबा गिरा, जान जोखिम में” 🚧
🔹 अस्पष्ट आदेशों से शिक्षकों में भ्रम की स्थिति 😕
🔹 शिक्षक संघ ने डीएम को पत्र लिखकर जताया विरोध ✍️
🔹 सीईओ से कॉल पर संपर्क नहीं, WhatsApp आदेशों पर नाराजगी
🔹 प्रशासन का जवाब – छुट्टी सिर्फ छात्रों के लिए, शिक्षक कर्मचारी हैं 📃


🌧️ बरसात से बिगड़े हालात, फिर भी स्कूल बुलाए जा रहे शिक्षक

नैनीताल ज़िले में मूसलधार बारिश और आपदा की चेतावनी के बीच जिला प्रशासन ने सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों को स्कूल आने के निर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे शिक्षक समुदाय में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।

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👨‍🏫 शिक्षक संघ ने इसे “दोहरे मापदंड” और “मानव जीवन की अनदेखी” करार दिया है।


⚠️ शिक्षक बोले: जान से बढ़कर कोई काम नहीं!

जिला अध्यक्ष गिरीश चंद्र जोशी और मंत्री पंकज कुमार बधानी ने इस मसले पर जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए कहा:

“बारिश से सड़कों पर मलबा गिर रहा है, नदी-नाले उफान पर हैं, रास्ते बंद हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल आने का निर्देश शिक्षकों की जान से खिलवाड़ है।”

📱 साथ ही उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा WhatsApp पर दिए जा रहे निर्देश भ्रम और असमंजस पैदा कर रहे हैं।


📞 सीईओ से संपर्क नहीं, शिक्षक बोले – जवाबदेही तय हो

शिक्षक नेताओं ने बताया कि उन्होंने इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) गोविंद जायसवाल को कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
👉 संगठन ने शिक्षकों से अपील की है कि वे आपदा की स्थिति में पहले खुद और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

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🧑‍💼 प्रशासन की सफाई: “शिक्षक सरकारी कर्मचारी हैं”

मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद जायसवाल ने कहा:

“विद्यालयों में छुट्टी सिर्फ बच्चों के लिए घोषित की गई है। शिक्षक सरकारी कर्मचारी हैं। जैसे अन्य विभागों के कर्मचारी कार्यस्थल पर उपस्थित रहते हैं, वैसे ही शिक्षकों को भी काम करना होगा।”

📌 यानी प्रशासन का मानना है कि शिक्षक अवकाश के दौरान भी विद्यालय में मौजूद रहें, भले ही सड़कें बंद हों या आपदा का खतरा मंडरा रहा हो।


🧠 मुद्दा क्या है? | Analysis

🔸 क्या शिक्षकों की सुरक्षा से समझौता हो रहा है?
🔸 क्या WhatsApp जैसे अनौपचारिक माध्यम से आदेश देना वैध है?
🔸 क्या विभागों में आपदा प्रबंधन के स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने से ऐसे विवाद बढ़ते हैं?


🗣️ शिक्षक संघ की मांग – तत्काल संवाद और स्पष्ट दिशा-निर्देश

शिक्षक संगठन ने जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता की मांग की है, ताकि इस असमंजस की स्थिति को दूर किया जा सके। साथ ही आग्रह किया है कि आपदा की स्थिति में शिक्षक भी घर से कार्य करें या उन्हें सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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📢 क्या कहते हैं आप?

🌧️ क्या आपदा की स्थिति में शिक्षक को स्कूल बुलाना सही है?
🛑 क्या प्रशासन को लचीला और मानवीय रुख नहीं अपनाना चाहिए?

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By Editor