📍 देहरादून | संवाददाता रिपोर्ट
उत्तराखंड की राजधानी में शुक्रवार को दो बड़े फर्जीवाड़े के मामले सामने आए —
पहला मामला विधानसभा सचिवालय में क्लर्क की फर्जी नियुक्ति का पत्र जारी होने से जुड़ा है,
जबकि दूसरे में रिटायर बैंक कर्मचारी से ₹9.66 लाख की साइबर ठगी की गई 💻💸।
दोनों मामलों में पुलिस ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
⚡ Highlights (मुख्य बिंदु):
📜 विधानसभा में क्लर्क पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी
🕵️♂️ जांच में खुलासा — जारीकर्ता का नाम भी फर्जी, सचिवालय में कार्यरत नहीं
💻 फेसबुक लिंक के ज़रिए पेंशनर से ₹9.66 लाख की ठगी
🚨 दोनों मामलों में नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने केस दर्ज किया
👮♀️ पुलिस की टीमें जांच में जुटीं, साइबर सेल भी एक्टिव
🏛️ 1️⃣ विधानसभा सचिवालय में फर्जी नियुक्ति पत्र का मामला 🧾
देहरादून के विधानसभा सचिवालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब
एक व्यक्ति ने क्लर्क पद पर नियुक्ति का कथित आदेश पत्र सचिवालय को भेजा और आरटीआई के ज़रिए उसकी जानकारी मांगी 📑।
अनुसचिव हरीश कुमार की ओर से एसएसपी देहरादून कार्यालय में शिकायत भेजी गई।
शिकायत में बताया गया कि यह पत्र 9 मई को जारी बताया गया था,
और इसमें निधि उनियाल पत्नी दिगंबर प्रसाद उनियाल निवासी सौड़ा सरोला, रायपुर की नियुक्ति का जिक्र था।
📌 विधानसभा जांच में सामने आया कि —
पत्र पूरी तरह जाली (Fake) है और
जिस “अमित सिंह, उपसचिव” के हस्ताक्षर बताए गए हैं,
वह व्यक्ति विधानसभा सचिवालय में कार्यरत ही नहीं है।
एसओ नेहरू कॉलोनी संजीत कुमार ने बताया —
“शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि
यह फर्जी पत्र तैयार कर किसने और किस मकसद से भेजा था।”
👁️🗨️ पुलिस अब डिजिटल ट्रेसिंग और डॉक्यूमेंट ऑथेंटिकेशन रिपोर्ट के ज़रिए फर्जीवाड़े की जड़ तक पहुंचने में जुटी है।
💻 2️⃣ फेसबुक लिंक से ठगी — पेंशनर से उड़ाए ₹9.66 लाख 💸
दूसरा मामला साइबर ठगी का है।
रिटायर बैंक कर्मचारी और पेंशनर अपर बद्रीश कॉलोनी, देहरादून निवासी नेगी ने बताया कि
10 अक्टूबर को फेसबुक पर उन्हें “पेंशन लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट” से जुड़ा एक विज्ञापन दिखा 📱।
उन्होंने दिए गए लिंक पर क्लिक किया,
थोड़ी देर बाद एक अज्ञात नंबर से कॉल आया —
कॉल करने वाले ने खुद को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पेंशन सेल का कर्मचारी बताया 🏦।
कुछ ही देर में पेंशनर के बैंक खाते से ₹9,66,000 की निकासी हो गई 😱।
पीड़ित ने तुरंत बैंक और पुलिस को शिकायत दी।
एसओ नेहरू कॉलोनी संजीत कुमार ने बताया —
“शिकायत के आधार पर साइबर ठगी का केस दर्ज कर
पुलिस और साइबर क्राइम सेल जांच में जुट गई है।”
⚖️ जांच में जुटी पुलिस — फर्जीवाड़ों की जड़ तक पहुंचने की तैयारी 👮♀️
दोनों मामलों में पुलिस ने अलग-अलग जांच टीमें गठित की हैं।
जहां विधानसभा फर्जी नियुक्ति केस में
दस्तावेज़ फोरेंसिक जांच कराई जा रही है,
वहीं साइबर ठगी मामले में बैंक ट्रांजेक्शन ट्रेसिंग और कॉल डिटेल एनालिसिस (CDR) जारी है।
🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):
राजधानी देहरादून में इन दो घटनाओं ने एक बार फिर प्रशासनिक और डिजिटल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
जहाँ एक तरफ विधानसभा जैसी संवेदनशील संस्था में फर्जी दस्तावेज़ पहुंचाना बड़ी चूक है,
वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधी आम नागरिकों को भरोसे में लेकर ठगी कर रहे हैं।
सरकार और पुलिस को ऐसे मामलों में तेज़ कार्रवाई और सख्त दंडात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है ⚖️।
🧾 Quick Summary (एक नजर में):
क्रमांक | मामला | मुख्य तथ्य | कार्रवाई |
---|---|---|---|
1️⃣ | विधानसभा फर्जी नियुक्ति पत्र | क्लर्क पद पर जाली नियुक्ति पत्र जारी, “अमित सिंह” नाम फर्जी | नेहरू कॉलोनी थाने में FIR |
2️⃣ | पेंशनर से साइबर ठगी | फेसबुक लिंक के ज़रिए ₹9.66 लाख की ठगी | साइबर सेल जांच में सक्रिय |






