🏛️ सराय भूमि क्रय प्रकरण में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा, दोषियों पर गिरी गाज
🔴 मुख्य बिंदु (Highlights):
✅ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हुई त्वरित कार्रवाई
✅ 4 वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया निलंबित
✅ सेवा विस्तार पर कार्यरत एक सेवानिवृत्त कर्मी की सेवाएं समाप्त
✅ 1 अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब
✅ सचिव गन्ना व चीनी, रणवीर सिंह चौहान बने जांच अधिकारी
🏢 मामला क्या है?
हरिद्वार नगर निगम द्वारा सराय क्षेत्र की भूमि खरीद प्रक्रिया में प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। नगर आयुक्त द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में उक्त अनियमितताओं की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर तत्काल प्रभाव से कई वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
🚨 निलंबित अधिकारी कौन-कौन?
जांच में दोषी पाए गए चार अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया गया है:
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🧑💼 रवीन्द्र कुमार दयाल — अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2
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🧑🔧 आनन्द सिंह मिश्रवाण — सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता)
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🧾 लक्ष्मीकांत भट्ट — कर एवं राजस्व अधीक्षक
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🛠️ दिनेश चन्द्र काण्डपाल — अवर अभियन्ता
इन सभी ने भूमि क्रय समिति के सदस्य होने के बावजूद अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं किया।
📑 सेवा विस्तार रद्द व अनुशासनात्मक कार्रवाई
🔹 वेदपाल — सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक, जिनकी भूमिका संदेहास्पद पाई गई।
➡️ उनकी सेवा तत्काल समाप्त करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
📋 स्पष्टीकरण मांगा गया:
📌 सुश्री निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वित्त अधिकारी — नगर निगम, हरिद्वार
➡️ इनसे लिखित स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
🕵️ जांच अधिकारी की नियुक्ति:
रणवीर सिंह चौहान, सचिव, गन्ना एवं चीनी विभाग, उत्तराखंड शासन को इस गंभीर प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए नामित किया गया है।
📣 निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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