📍 हल्द्वानी | संवाददाता रिपोर्ट
उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर से एक नाबालिग लड़की के लापता होने का मामला सामने आया है।
वनभूलपुरा थाना क्षेत्र निवासी 15 वर्षीय किशोरी 21 अक्तूबर की सुबह घर से बिना बताए लापता हो गई।
परिजनों का कहना है कि लड़की अपने फोन पर एक युवक से लगातार बात करती थी,
और अब उन्हें शक है कि वही युवक उसे बहला-फुसलाकर साथ ले गया है।
⚡ Highlights (मुख्य बिंदु):
👧 15 वर्षीय नाबालिग घर से हुई लापता
📞 मोबाइल फोन घर पर छोड़ा, कॉल रिकॉर्ड से खुला राज
🧍♂️ युवक पर लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का शक
🚓 पुलिस ने युवक के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया
📍 घटना वनभूलपुरा थाना क्षेत्र की
📱 मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया गया, जांच जारी
🏠 घर से निकली और फिर नहीं लौटी — फोन में मिला युवक से संपर्क का सबूत 📞
इंद्रानगर वार्ड-31, वनभूलपुरा निवासी एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर देकर बताया कि
उसकी 15 वर्षीय बेटी 21 अक्तूबर की सुबह घर से निकली और वापस नहीं लौटी।
लड़की ने अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़ दिया था।
जब परिजनों ने फोन खंगाला, तो पाया कि
वह एक युवक से लगातार बातचीत कर रही थी।
परिजनों का कहना है कि —
“हमें शक है कि उसी युवक ने उसे बहला-फुसलाकर साथ ले गया है।”
📞 युवक का मोबाइल स्विच ऑफ — पुलिस ने शुरू की तलाश 🚔
पीड़िता के पिता ने युवक का मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध कराया है,
लेकिन वह नंबर इस समय बंद आ रहा है।
युवक के भी वनभूलपुरा निवासी होने की बात सामने आई है।
थानाध्यक्ष सुशील जोशी ने बताया —
“परिजनों की शिकायत के आधार पर अज्ञात युवक के खिलाफ
अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी गई है।”
पुलिस ने लड़की और संदिग्ध युवक के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया है।
साथ ही सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की मदद से तलाश जारी है।
👮♀️ वनभूलपुरा पुलिस की टीम सक्रिय — अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज ⚖️
पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) के तहत केस दर्ज किया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि
“नाबालिग के लापता होने के मामलों में प्रत्येक मिनट महत्वपूर्ण होता है।”
इसी कारण मामले को टॉप प्रायोरिटी पर लिया गया है।
“संभावित ठिकानों पर पुलिस की टीमें भेजी गई हैं,
और आसपास के जनपदों को भी अलर्ट किया गया है।” — सुशील जोशी, थानाध्यक्ष
🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):
नाबालिगों के लापता होने की घटनाएं उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही हैं।
सोशल मीडिया और मोबाइल संपर्क के जरिए ऐसे मामले अब आम होते जा रहे हैं।
अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर सतर्क नजर रखें,
ताकि ऐसी घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
💬 “सुरक्षा की शुरुआत घर से होती है — जागरूकता ही बचाव है।”