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गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से आरपीएफ ने 16 नाबालिगों को बरामद किया है. आरपीएफ, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और सीआईबी की टीम ने 15 नाबालिग लड़कियों और 1 लड़के को रेस्क्यू किया है.

इन लोगों को नेटवर्किंग कंपनी में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने के बहाने बिहार ले जाया जा रहा था. रविवार देर रात रेलवे स्टेशन पर इन लड़कियों को देखकर आरपीएफ पोस्ट पर तैनात टीम को शंका हुई. उन्होंने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. इसके बाद आरपीएफ और सीआईबी की टीम ने सभी को रेस्क्यू कर लिया.

पूछताछ के बाद चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. लड़कियों और लड़के को बिहार ले जा रहा युवक मौके से भाग निकला. आरपीएफ टीम उसकी तलाश में जुटी है. आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि रविवार देर रात रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर लड़कियों का एक ग्रुप खड़ा था. देखने में सभी नाबालिग लग रही थीं.

चेक पोस्ट पर तैनात उपनिरीक्षक को शंका हुई तो उन्होंने इसकी सूचना अधिकारियों को दी. इसके बाद आरपीएफ, सीआईबी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने पहुंचकर सभी लड़कियों को बरामद कर लिया. पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि उन्हे वैल्यू शॉप नाम की कंपनी ट्रेनिंग दिलाने के लिए बिहार के मोतिहारी और दरभंगा ले जा रही थी. इन सभी को मोतिहारी जाना था या दरभंगा यह स्पष्ट नहीं हो सका.

एएचटीयू प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने भी लड़कियों से पूछताछ की. इसके बाद सभी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया. चाइल्ड लाइन के कोआर्डिनेटर आशीष मिश्रा ने बताया कि रात में आरपीएफ और सीआईबी ने 15 नाबालिग लड़कियों, एक नाबालिग लड़के को चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपुर्द किया है.

चाइल्ड लाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्रा ने विधिक प्रक्रिया अपनाने के बाद नाबालिग लड़कियों और लड़के को उनके परिजनों को सौंप दिया था. आरपीएफ की टीम इसकी जांच में जुटी हुई थी. जांच के दौरान मानव तस्करी से जुड़ा मामला पाया गया है. ऐसे में ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गोंडा आरपीएफ पोस्ट पर मानव तस्करी की धारा 143 (5) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है और कंपनी के कामकाज की जांच में जुटी हुई है.

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