कैंची धाम के स्थापना दिवस को लेकर बीते एक माह से तैयारियां जोरों पर है। भीतर मंदिर ट्रस्ट तो बाहर प्रशासन और पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए है। बुधवार देर रात से ही धाम में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।
यात्रियों की कार खाई में गिरने से एक की मौत, तीन व्यक्ति हुए घायल, जन्मदिन की पार्टी मनाकर लौट रहे थे वापस किस्मत बदलने वाले बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम के स्थापना दिवस पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह करीब सवा पांच बजे मंदिर गेट खुलते ही मंदिर के भीतर बाबा के अनुयायियों का ताता लग गया। बाबा को भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरित शुरू किया गया। देर रात से ही मंदिर परिसर से बाहर श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई थी। दोपहर तक भारी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुँचना जारी है। जिससे कुछ ही घंटों में करीब दो लाख श्रद्धालु मंदिर दर्शन कर चुके है। मेले को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, मंदिर ट्रस्ट समेत तमाम भक्त जुटे पड़े है।
कैंची धाम के स्थापना दिवस को लेकर बीते एक माह से तैयारियां जोरों पर है। भीतर मंदिर ट्रस्ट तो बाहर प्रशासन और पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए है। बुधवार देर रात से ही धाम में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। मंदिर प्रबंधन द्वारा सुबह चार बजे मंदिर गेट खोलने का निर्णय लिया था। इससे पूर्व ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर गेट बाहर कतारबद्ध हो गए। प्रसाद भोग नहीं लगने के कारण मंदिर गेट करीब डेढ़ घंटे की देरी करीब सवा पांच बजे खोला गया।
तीन किमी का दायरा जीरो जोन, आराम से दर्शन कर सके श्रद्धालु
मेले के दौरान मंदिर परिसर से करीब तीन किमी के दायरे को पूरी तरह जीरो जोन किया हुआ था। जिसमें वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। सड़को पर वाहन नहीं होने के कारण श्रद्धालु स्वछंदता से घूम कर बाबा के दर्शन कर पा रहे है।
शटल सेवा से धाम पहुंचे श्रद्धालु
कैंची धाम में श्रद्धालुओं के आवागमन पर करीब दस किमी दूर ही वाहनों को पार्क किया जा रहा है। जहां से श्रद्धालु शटल सेवा से मंदिर तक पहुँच रहे है। शटल में करीब सौ छोटे वाहन और आठ बस लगाई गई है। सुबह तड़के भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस ने विभागीय बस से मंदिर तक छोड़ा।
वाहनों से पटे बाईपास, बाइकों से भी पहुंचे श्रद्धालु
पुलिस द्वारा नैनीताल व ज्योलीकोट से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन सेनेटोरियम रातीघाट रोड और भीमताल से आने वाले वाहनों को नवनिर्मित नैनीबैंड बाईपास पर पार्क कराया जा रहा है। वहीं अल्मोड़ा रानीखेत से आने वाले वाहनों को कैंची से नीचे पनीराम ढाबे के समीप पार्क किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के कारण कुछ ही घंटे में साढ़े पांच किमी लंबा नैनीबैंड बाईपास पैक हो चुका है। सेनेटोरियम रातीघाट सड़क पर भी करीब चार किमी दायरे में वाहन पार्क हो चुके है। ऐसे ही अल्मोड़ा, रानीखेत की ओर से भी भारी संख्या में वाहनों की आमद बनी हुई है।
गेट खुलने से पूर्व ही एसएसपी ने संभाला मोर्चा
मेले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए प्रशासन और पुलिस मुस्तैद दिखी। गेट खुलने से पूर्व ही एसएसपी पंकज भट्ट, एसपी जगदीश चंद्रा मंदिर के बाहरी गेट पर डटे रहे। जहां से उनकी निगरानी में श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश पाया। वही मेला अधिकारी एसडीएम पारितोष वर्मा रात से ही व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। सुबह करीब सात बजे आईजी नीलेश आनंद भरणे, एसडीएम योगेश मेहरा ने भी मोर्चा संभाल लिया। व्यवस्था बनाने में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
रात दो बजे मंदिर के भीतर प्रवेश को मचने लगी मारामारी
मंदिर में स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर ही भक्तों का उमड़ना शुरू हो गया था। रात भर भक्तों की आमद बनी रहीं। रात भर शटल सेवा संचालित होने से रात करीब दो बजे तक ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु कैंची पहुँच गए। मंदिर के बाहरी गेट से प्रवेश कर पुल और मार्ग में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मंदिर के भीतर प्रवेश पाने को आतुर श्रद्धालुओ से व्यवस्था चरमराने लगी तो एसडीएम पारितोष वर्मा मौके पर पहुँच गए। पुलिस बल बुलाकर श्रद्धालुओं को गेट से बाहर कतारबद्ध किया गया।
पानी और शौचालय को परेशान दिखे श्रद्धालु
मेले के चलते लोगों की भीड़ उमड़ी तो प्रशासन की ओर से की गई मूलभूत सुविधाएं चरमरा उठी। सुबह होते ही शौचालय और पानी के लिए इधर उधर भागते दिखे। मगर मंदिर के बाहर एक स्थाई और सीमित मोबाइल टॉयलेट होने के कारण लोगों को फजीहत झेलनी पड़ी। जिस कारण लोग जंगलो और नदी में शौच करते दिखे। साथ ही नहाने वालों का भी नदी में ताता लगा रहा।
तीन हजार वॉलेंटीयर ने संभाली भीतर व बाहर कमान
मेले में सौहार्द बनाये रखने में बाबा के अनुयायियों के भी बेहद योगदान रहा। मंदिर के भीतर और बाहर भारी संख्या में वॉलेंटीयर सेवा देने में जुटे रहे। ग्राम प्रधान व वॉलेंटीयर पंकज निगलटिया ने बताया कि मंदिर प्रबंधन की ओर से करीब 12 हजार पास वितरित किये थे। जिसमें से तीन हजार से अधिक लोग मंदिर के भीतर व बाहर व्यवस्था बनाने में जुटे रहे।
लाइन तोड़ आगे बढ़ने को आतुर दिखे लोग
मंदिर का गेट खुलने से पूर्व ही करीब एक किमी लंबी कतार लग चुकी थी। जिस कारण कई लोग लाइन तोड़ आगे बढ़ने को आतुर दिखे। भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस बल से भी स्थिति को काबू करने में परेशानी होने लगी। इसी बीच एक दर्जन से अधिक युवाओं और महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया। जिनने पुलिस की मदद से बिना लाइन आ रही भीड़ पर नियंत्रित किया।
बाहरी शहरों से पहुँचे तमाम अनुयायियों ने दी सेवा
मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण के साथ ही बाहर भी बाबा के अनुयायी सेवा में जुटे रहे। भवाली से कैंची धाम और पनीराम ढाबे तक निजी जमीनों पर कई लोगों ने स्टाल लगाकर पानी, जूस, हलुआ, पूरी, लड्डू, दूध श्रद्धालुओं को वितरित कर पुण्य कमाया।
भवाली से कैंची तक जाम मुक्त रही व्यवस्था
भवाली में वाहनों को रोक शटल सेवा संचालित करने का प्रशासन और पुलिस का निर्णय बेहद सही रहा। करीब दस किमी दायरे में शटल वाहन ही संचालित हुए। यहां तक कि बाइक वाले श्रद्धालुओं को भी एंट्री नहीं मिली। जिससे दस किमी दायरे में यातायात व्यवस्था चाक चौबंद रही। भीतर कही भी जाम देखने को नहीं मिला।
भीमताल व ज्योलीकोट मार्ग पर लगी रही कतार
भीमताल मार्ग में नैनीबैंड के समीप ही लोगों के वाहनों को पार्क किया जा रहा है। वहीं ज्योलीकोट मार्ग में भी सेनेटोरियम पर यह व्यवस्था की गई है। बाईपास फुल होने के बाद पुलिस के लिए भी पार्किंग की समस्या खड़ी हो गयी। भारी आमद होने के कारण भीमताल रोड में करीब मेहरागांव और ज्योलीकोट रोड में भूमियाधार के समीप तक वाहनों की कतार लगी रही। दस मिनट के सफर में लोगों को ढाई से तीन घंटे लगे।
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