उत्तराखंड, बिन्दुखत्ता
बिन्दुखत्ता के इंद्रानगर द्वितीय में 8 बच्चे जंगली बादाम जेट्रोफा (रतनजोत) खाने से बीमार हो गये, जिन्हें गंभीरावस्था में 108 द्वारा हल्द्वानी के एसटीएच चिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा, इस दौरान तीन परिवारों की जान आफत में आ गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिन्दुखत्ता गौलागेट स्थित स्कूल से इंद्रानगर द्वितीय स्थित घर को आ रहे पूरन सिंह थुवाल, दिनेश थुवाल और भगत सिंह राठौर के बच्चों ने अनजाने में गौला नदी के किनारे झाड़ियों में लगे जेट्रोफा (रतनजोत) के स्वाद में मीठे लग रहे जहरीले फलों का सेवन कर लिया।
फल खाते ही बच्चों को उल्टियां होने लगी, किसी तरह अपने घर पहुंचे तीनों परिवारों के बच्चों चेतन थुवाल उम्र 12 वर्ष, विकास कुमार 10 वर्ष, चंदू थुवाल 5 वर्ष, नेहा थुवाल, उम्र 8 वर्ष, पुत्री पूरन थुवाल, कमल 7 वर्ष, सौरभ थुवाल 6 वर्ष, हर्षित राठौर पुत्र भगत सिंह राठौर 6 वर्ष, जानकी राठौर 8 वर्ष, की हालत बिगड़ती देख परिजनों में हड़कंप मच गया आनन-फानन में आसपास के लोगों एवं परिजनों ने 108 सेवा को घटना की सूचना जैसे ही बच्चों द्वारा जहरीले फल खाने की सूचना पुलिस क्षेत्राधिकारी लालकुआं अभिनव चौधरी और कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक डीआर वर्मा को मिली, तो उन्होंने हल्दूचौड़ चौकी प्रभारी कृपाल सिंह को मौके पर भेजा, तथा गंभीर रूप से अस्वस्थ आठों बच्चों को 108 द्वारा एसटीएच चिकित्सालय हल्द्वानी में भर्ती कराया गया, तब जाकर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। इंदिरानगर द्वितीय गौलागेट निवासी भगत सिंह राठौर ने बताया कि उनके तीन बच्चों सहित उनके पड़ोस में रहने वाले दो अन्य परिवारों के कुल 8 बच्चों ने अनजाने में जहरीले फल खा लिए थे, जिन्हें आननफानन में हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया, फिलहाल सभी बच्चे स्वास्थ है। विदित रहे कि गौला गेट के आसपास लगे उक्त जेट्रोफा (रतनजोत) जिन्हें गांव वाले जंगली बादाम भी कहते हैं, गलती से बच्चों ने एक दूसरे को देखा देखी खा लिए थे, अब सभी बच्चे स्वस्थ हैं।