खबर शेयर करें -

गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी समेत सभी स्थानीय बोली-भाषाओं में बनने वाली क्षेत्रीय फिल्मों के लिए आठ गुना ज्यादा प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वर्तमान 25 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि को दो करोड़ करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी।

इसके साथ ही राज्य में शूट होने वाली संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं की फिल्मों के लिए सरकार राज्य में होने वाले खर्च का तीस प्रतिशत तक सब्सिडी देगी।

इसकी अधिकतम सीमा तीन करोड़ रुपये होगी। फिलहाल यह सीमा डेढ़ करोड़ रुपये ही है। सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में शनिवार अपराह्न कैबिनेट बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से 16 को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री के निर्देशन में तैयार नई फिल्म नीति को काफी आकर्षक और उदार बनाया गया है।

इसमें न केवल देश और प्रदेश की फिल्मों बल्कि विदेशी फिल्मकारों को उत्तराखंड में फिल्म बनाने के लिए कई सुविधाएं देने का निर्णय किया गया है। विदेशी फिल्मकारों के लिए राज्य में रास्ते खोल दिए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में नई लोकेशन पर फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सामान्य सब्सिडी से अलग 5 और लाभ दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें -  मरचूला बस हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले एंबुलेंस चालक द्वारा पैसे की मांग करने पर लाइसेंस सस्पेंड

राज्य में होने वाले फिल्म निर्माण में स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों के लिए भी काम के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए फिल्म निर्माताओं को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस मद में फिल्म निर्माता को दस लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।

मेधावी छात्रों की फीस भरेगी सरकार: अभिनय और शूटिंग के क्षेत्र को करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को भी सरकार प्रोत्साहित करेगी। एफटीआई-पुणे, एसआरएफअीआई-कोलकाता आदि प्रतिष्ठित संस्थानों में चुने जाने वाले युवाओं की फीस का 75 प्रतिशत तक सरकार देगी। सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए यह राशि 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत तक रखी गई है।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: किच्छा के चाचा लाया नशे की खेप, धरा गया इंजेक्शन तस्कर

प्रशिक्षण संस्थान को सब्सिडी फिल्मकारों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल थिएटर, प्रोडक्शन स्टूडियो बनाने के लिए सरकार ने रास्ता खोला है। पर्वतीय क्षेत्र में बनने वाले इन प्रतिष्ठानों के लिए सरकार प्रोजेक्ट की निर्माण लागत का 25 प्रतिशत तक अनुदान देगी। लेकिन इसकी अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये होगी। इसी प्रकार पर्वतीय क्षेत्रों में स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने पर 50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

प्रमुख फैसले
ग्रामीण पेयजल योजनाओं का रखरखाव अब ग्रामसभाएं भी कर सकेंगी
पाटी को नगर पंचायत का दर्जा, खटीमा पालिका का होगा विस्तार
स्थानीय फसल प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत क्लस्टर में समूह के जरिए किया जाएगा उत्पादन
सहसपुर स्किल हब में विभिन्न पांच सेक्टरों की ट्रेनिंग एरिया एवं आईटीआई बाजपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को मंजूरी
घुड़सवार पुलिस सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी
अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली में संशोधन
उत्तराखंड ऑन डिमांड ठेका-गाड़ी परिवहन संशोधन नियमावली मंजूर
लोक सेवा आयोग का 22वां प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर रखे जाने को मंजूरी
यूकेएसएसएससी का संयुक्त वार्षिक प्रतिवेदन सदन में रखा जाएगा
मंडी परिषद की निर्धारित लागत सीमा को बढ़ाने का निर्णय

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: परिवार में मारपीट, तमंचा लेकर दौड़ा युवक

इन भाषाओं की फिल्मों को मिलेगा लाभ
असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली, डोंगरी।

वेब सीरीज, टीवी सीरियल को भी फिल्मों के समान सब्सिडी
तीस-तीस मिनट के पांच एपिसोड वाली वेब सीरीज और 20-20 मिनट के 22 एपिसोड वाले टीवी सीरियल को भी फिल्मों के समान अनुदान दिया जाएगा। इन सभी की शूटिंग उत्तराखंड में होनी अनिवार्य है। इसके साथ ही डाक्यूमेंट्री, ट्रैवलर, लघु फिल्म, म्यूजिक वीडियो को भी सब्सिडी के दायरे में रखा गया है।