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छह माह से सचिवालय में लंबित बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की अधिसूचना जारी करवाने के उद्देश्य से वन अधिकार समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी करवाने के लिए व्यापक हस्ताक्षर अभियान को और अधिक तेज किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से जनता का समर्थन जुटाने के साथ-साथ सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाएगा।

जन-जागरूकता बढ़ाने और अधिसूचना की मांग को मजबूती से उठाने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों से संवाद को भी लगातार जारी रखा जाएगा, ताकि अधिसूचना की प्रक्रिया को गति मिल सके।

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संरक्षक गणेश कांडपाल ने सुझाव दिया कि नगर निकाय चुनावों के बाद मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए माननीय विधायक और सांसद के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल भेजा जाए। इस सुझाव को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया।

बैठक में सोशल मीडिया पर इस मुहिम को और तेज करने का निर्णय लिया गया। यह तय किया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रभावी उपयोग कर लोगों को इस मुद्दे से जोड़ा जाएगा और इसे एक जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

बैठक में भाजपा मण्डल महामंत्री बलवंत खोलिया ने सुझाव दिया कि सांसद, विधायक, पूर्व सांसद-विधायक, राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, तथा दूध डेयरी के सदस्यों के माध्यम से सरकार को सिफारिश पत्र प्रेषित किया जाए। इस सुझाव को भी बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने समर्थन दिया।

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संरक्षक श्याम सिंह रावत ने सुझाव दिया कि विपक्षी नेताओं से भी संपर्क किया जाए, ताकि इस मुद्दे पर सभी दलों का समर्थन प्राप्त हो सके। इस विचार को भी बैठक में सहमति मिली।

पूर्व सैनिक हीरा सिंह और चंचल सिंह ने मुख्यमंत्री को बिंदुखत्ता बुलाकर एक बड़ी जनसभा आयोजित करने का सुझाव दिया। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने सराहा और इसे जल्द लागू करने का निर्णय लिया।

बैठक में 26 जनवरी को एक दिवसीय सांकेतिक धरना का सुझाव भी रखा गया जिसे अगली बैठक तक टाल दिया गया।

सचिव भुवन भट्ट ने भारत सरकार को संबोधित ऑनलाइन याचिका को अन्य माध्यमों से भी प्रसारित करने और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का सुझाव दिया। इसके अलावा, बसंत पांडेय ने सचिवालय में लंबित पत्रावली की स्थिति की जानकारी बैठक में प्रस्तुत की।

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कल सचिवालय में वार्ता हेतु एक प्रतिनिधिमंडल बैठक के तुरंत बाद रवाना हो गया।

बैठक में प्रमुख रूप से अर्जुन नाथ गोस्वामी (अध्यक्ष), धरम सिंह बिष्ट, चंद्र सिंह दानू, नंदन बोरा, बलवंत बिष्ट, हरेंद्र बिष्ट, रंजीत गाड़िया, रमेश गोस्वामी, कमलेश बिष्ट, हयात कोरंगा, पूरन शाही, कविराज धामी, राम सिंह, नवीन जोशी, देवेंद्र गोस्वामी, बालम बिष्ट, रोहित तिवारी, धर्मेंद्र कोरंगा, पूरन बोरा, अमर सिंह भाकुनी, देवेंद्र बिष्ट, पवन बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करवाने की मांग को और तेज करने का संकल्प लिया। यह भी तय किया गया कि आंदोलन को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।