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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. अमेरिका के डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में उन्होंने देश में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए चीन और अन्य कई देशों की स्थिति को भारत से बेहतर बताया है.

राहुल गांधी के अमेरिका में दिए इस बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कड़ा पलटवार किया है. उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि वह चीन के साथ हैं या भारत के. अगर उन्हें चीन की नीतियां अच्छी लगती हैं, तो उनको चीन जाकर राजनीति करनी चाहिए. मैं राहुल गांधी के ऐसे बयानों से बहुत हैरान हूं.”

वह कहते हैं, “असदुद्दीन ओवैसी भी देश के बाहर जाकर देश के खिलाफ नहीं बोलते हैं. ओवैसी देश के बाहर देश के साथ खड़े रहते हैं. वह कभी बाहर देश का विरोध नहीं करते. लेकिन राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति हैं, जो देश के बाहर जाकर देश के खिलाफ बोलते हैं.” पश्चिमी देशों का उत्पादन केंद्र चीन में बन जाने को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक 10 साल राहुल गांधी की सरकार रही.

इसके अलावा इस देश पर लगभग 60 साल कांग्रेस की हुकूमत रही है. पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह, ये सारे प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी के थे. इसके बावजूद राहुल गांधी की समझ में यह आज आया है. उनकी समझ में यह तब क्यों नहीं आया था. प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आज भी उनकी जिन राज्यों में सरकार है, वहां उनको हर घर में नौकरी दे देनी चाहिए. वह तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी खत्म कर दें. राहुल गांधी के ऊपर एक कहावत फिट बैठती है कि हाथी के दांत खाने के कुछ और, और दिखाने के कुछ और हैं.