खबर शेयर करें -

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में बॉलीवुड के मशहूर कलाकार मनोज बाजपेयी की एक प्रॉपर्टी की खरीद पर जांच बैठ गयी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये जमीन ध्यान और योग केंद्र बनाने के लिए खरीदी गयी है. बाजपेई ने वर्ष 2021 में ये जमीन अल्मोड़ा के लमगड़ा विकासखंड के कपकोट गांव में खरीदी थी।

सूत्रों के अनुसार, लगभग 15 नाली जमीन ( लगभग 3600 sq yards) खरीद का उद्देश्य एक ध्यान और योग केंद्र बताया गया था। मनोज बाजपेयी की उत्तराखंड में ये जमीन अब जांच के दायरे में है। कहा जा रहा है कि फिल्म स्टार को जमीन खरीदवाने के लिए 2021 में सभी नियम-कायदे भुला दिए गए। रिपोर्ट्स कहती हैं कि उनकी जमीन की रजिस्ट्री उत्तराखंड के एक बड़े नेता के प्रभाव में की गई। उस समय दो दिन में ही सारी रिपोर्ट पूरी कर दी गई और रजिस्ट्री की प्रक्रिया मानकों को पूरा किये बिना ही की गई।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: घर से हंसी-खुशी सहेलियों के साथ फन सिटी गई अंजलि कफन ओढ़कर घर लौटी, परिवार में मचा कोहराम

वरिष्ठ अधिकारी पर भी हो सकती है कार्रवाई

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा विकासखंड में शांत और सुन्दर कपकोट गांव है, कथित तौर पर लोकप्रिय अभिनेता मनोज ने कपकोट में 15 नाली जमीन खरीदी थी, जिसका उद्देश्य एक ध्यान और योग केंद्र बनाना था। उत्तराखंड में भू-कानून और प्रदेश से बाहर के लोगों द्वारा खरीदी गयी भूमियों पर विवाद चल रहा है, कई जमीनों के साथ ही अब मनोज बाजपेयी की ये जमीन भी जांच के दायरे में आ गई है। कहा जा रहा है कि शासन में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी, जो इस जमीन खरीद में भूमिका में था, उस पर भी कार्रवाई हो सकती है।

यह भी पढ़ें -  पंतनगर: पादप रोग विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. सत्य कुमार बर्खास्त, छेड़छाड़ के आरोप में विश्वविद्यालय ने किया निलंबन

जब्त की जा सकती है जमीन

चर्चा यहाँ तक है कि मनोज बाजपेई की जमीन जब्त भी की जा सकती है। इस मामले में डीएम आलोक कुमार पांडे का हालांकि ये कहना है कि जमीन जब्त की जाएगी या नहीं, ये जांच के आधार पर तय किया जाएगा लेकिन जमीन खरीद के मामले में मानकों को पूरा नहीं करने की बात सामने आई है। जांच जारी है, कोई कार्रवाई नहीं की गई है और शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। डीएम का कहना है कि नियमों के उल्लंघन का मामला कहीं भी पाया जाता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रशासन बाध्य है। मनोज बाजपेयी के साथ ही तीन अन्य की जमीन भी जांच के दायरे में है और जब्त की जा सकती हैं। ऐसे 23 अलग-अलग मामलों की जांच वर्तमान में चल रही हैं।