खबर शेयर करें -

जिले में महिला अपराधों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते चार महीने में महिला समाधान केंद्र पहुंचीं शिकायतों का आंकड़ा 300 के पार जा चुका है

वन भूमि में बनी 256 मजारों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अतिक्रमण हटाने पर सरकार का अभियान तेज

जिले में महिला अपराधों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते चार महीने में महिला समाधान केंद्र पहुंचीं शिकायतों का आंकड़ा 300 के पार जा चुका है। महिला पुलिस अधिकारी के अनुसार, अधिकतर मामले शादी के बाद महिला से मारपीट और जायदाद के बंटवारे से जुड़े हैं
जनवरी 2023 से अब तक सामने आए 350 मामलों में अधिकतर का काउंसलिंग के बाद निस्तारण किया जा चुका है। मई के शुरुआती सप्ताह में अब तक 27 शिकायतें मिली हैं जिनमें ज्यादातर विधवा और अकेली महिलाओं के साथ जमीन के लिए उत्पीड़न किया गया है।
जिले के महिला समाधान केंद्र में हर रोज पीड़ित महिलाएं ससुराल पक्ष की तरफ से मारपीट की शिकायत लेकर पहुंचती हैं जिनमें कई मामलों में काउंसलिंग के बाद निस्तारण हो जाता है। गाैरा शक्ति एप और विभिन्न माध्यमों से पुलिस को मिली शिकायतों को दर्ज कर महिला पुलिस अधिकारियों की ओर से इनमें काउंसलिंग की जाती है। इन दिनों सामने आए मामलों में महिलाओं के साथ ससुराल में पति की मौत के बाद जमीन जायदाद के लिए प्रताड़ित करने के हैं।
जनवरी से अब तक सामने आए मामले
माह – शिकायती पत्र – अन्य माध्यम
जनवरी – 38 25
फरवरी – 52 19
मार्च – 62 29
अप्रैल – 52 38
मई में अब तक – 25 10कोट
जायदाद के लिए महिला से मारपीट या उत्पीड़न होने के मामले में प्राथमिक तौर पर पुलिस की ओर से काउंसलिंग कर निस्तारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। निस्तारण नहीं होने पर पारिवारिक कोट में भेजा जाता है जहां उनकी काउंसलिंग होती है। जो मामले निस्तारित नहीं हो पाते, उनमें मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

 केस 1.
मुखानी स्थित महिला ने महिला समाधान केंद्र में पत्र देकर कहा कि उसका विवाह 2006 में तल्ली हल्द्वानी निवासी युवक से हुआ। 2019 में उसके पति की मृत्यु हो गई जिसके बाद से ससुराल वाले पति के हिस्से की जायदाद नहीं दे रहे हैं। हिस्सा मांगने पर जेठ मारपीट करते हैं। समाधान केंद्र में मामला पहुंचने पर दो बार की काउंसलिंग की गई जिसके बाद ससुराल वालों ने महिला के नाम पर उसके पति की जमीन लिखी और मामले में समझौता हो गया।

यह भी पढ़ें -  महिला से दुष्कर्म और बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपी मुकेश बोरा को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

पंतनगर – फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में उप वित्त नियंत्रक बर्खास्त, केस दर्ज करने की भी संस्तुति

केस 2.
रामनगर निवासी महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पांच बेटे हैं जिनमें चार विवाहित हैं। पुश्तैनी घर को लेकर वे उसे परेशान कर रहे हैं। महिला का कहना है कि वह अपने अविवाहित छोटे बेटे के साथ घर के एक हिस्से में रहती है जबकि दूसरे हिस्सों को अन्य चारों बेटों में बांटा हुआ है। इधर लगातार कई दिनों से चारों बेटे और बहुए उन्हें घर में रहने नहीं दे रहे। मामला समाधान केंद्र में आया तो काउंसलिंग कराई गई जिसके बाद घर में एकसाथ रहने पर सहमति बन गई।

यह भी पढ़ें -  हर की पैड़ी से गायब हुआ गंगा का पानी, तो दिखने लगी रेल की पटरियां.. ये है माजरा

केस 3
लालकुआं निवासी महिला ने शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके पति की मौत होने के बाद ससुराली उसे आए दिन प्रताड़ित करते हैं। काउंसलिंग के बाद पता चला कि पति की जायदाद के लिए ससुरालियों ने महिला के फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए हैं, जिसके बाद परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग में ससुरालियों ने महिला के पति का हिस्सा देना मंजूर किया और मामले को सुलझा लिया गया।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: किसान पर हमला कर गुलदार ने बुला दी अपनी मौत, हुआ ऐसा वार कि खुद मारा गया शिकारी

केस 4
काठगोदाम निवासी महिला ने बताया कि पति के निधन के बाद उसके पति की जायदाद उसके नाम पर है लेकिन ससुराल पक्ष उसे जमीन वापस करने की धमकी दे रहा है। मामला समाधान केंद्र में आने के बाद इसमें कार्रवाई की गई जिसके बाद काउंसलिंग में तय हुआ कि महिला के पति के नाम पर लिखी गई जायदाद में महिला का हिस्सा दिया जाएगा।