जिले में महिला अपराधों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते चार महीने में महिला समाधान केंद्र पहुंचीं शिकायतों का आंकड़ा 300 के पार जा चुका है
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माह – शिकायती पत्र – अन्य माध्यम
जनवरी – 38 25
फरवरी – 52 19
मार्च – 62 29
अप्रैल – 52 38
मई में अब तक – 25 10कोट
जायदाद के लिए महिला से मारपीट या उत्पीड़न होने के मामले में प्राथमिक तौर पर पुलिस की ओर से काउंसलिंग कर निस्तारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। निस्तारण नहीं होने पर पारिवारिक कोट में भेजा जाता है जहां उनकी काउंसलिंग होती है। जो मामले निस्तारित नहीं हो पाते, उनमें मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
केस 1.
मुखानी स्थित महिला ने महिला समाधान केंद्र में पत्र देकर कहा कि उसका विवाह 2006 में तल्ली हल्द्वानी निवासी युवक से हुआ। 2019 में उसके पति की मृत्यु हो गई जिसके बाद से ससुराल वाले पति के हिस्से की जायदाद नहीं दे रहे हैं। हिस्सा मांगने पर जेठ मारपीट करते हैं। समाधान केंद्र में मामला पहुंचने पर दो बार की काउंसलिंग की गई जिसके बाद ससुराल वालों ने महिला के नाम पर उसके पति की जमीन लिखी और मामले में समझौता हो गया।
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केस 2.
रामनगर निवासी महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पांच बेटे हैं जिनमें चार विवाहित हैं। पुश्तैनी घर को लेकर वे उसे परेशान कर रहे हैं। महिला का कहना है कि वह अपने अविवाहित छोटे बेटे के साथ घर के एक हिस्से में रहती है जबकि दूसरे हिस्सों को अन्य चारों बेटों में बांटा हुआ है। इधर लगातार कई दिनों से चारों बेटे और बहुए उन्हें घर में रहने नहीं दे रहे। मामला समाधान केंद्र में आया तो काउंसलिंग कराई गई जिसके बाद घर में एकसाथ रहने पर सहमति बन गई।
केस 3
लालकुआं निवासी महिला ने शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके पति की मौत होने के बाद ससुराली उसे आए दिन प्रताड़ित करते हैं। काउंसलिंग के बाद पता चला कि पति की जायदाद के लिए ससुरालियों ने महिला के फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए हैं, जिसके बाद परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग में ससुरालियों ने महिला के पति का हिस्सा देना मंजूर किया और मामले को सुलझा लिया गया।
केस 4
काठगोदाम निवासी महिला ने बताया कि पति के निधन के बाद उसके पति की जायदाद उसके नाम पर है लेकिन ससुराल पक्ष उसे जमीन वापस करने की धमकी दे रहा है। मामला समाधान केंद्र में आने के बाद इसमें कार्रवाई की गई जिसके बाद काउंसलिंग में तय हुआ कि महिला के पति के नाम पर लिखी गई जायदाद में महिला का हिस्सा दिया जाएगा।