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ब्याह होने के बाद दूल्हा खुशी-खुशी दुल्हन को विदा कराकर अपने साथ ले गया था। लेकिन, ससुराल की दहलीज पर कदम रखने से पहले दुल्हन की सांसें रुखसत हो गईं। पल भर में शादी की खुशियां मातम में बदल गईं।

मायके और ससुराल में कोहराम मच गया।

शुक्रवार की शाम जिस समय दुल्हन की ससुराल में होने वाली रस्मों को निभाया जाना था, ठीक उसी समय उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था। हार्ट अटैक से उसकी मौत होने की आशंका जताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, पुराने शहर में रहने वाली एक युवती की शादी बृहस्पतिवार को धूमधाम से हुई थी। बरात ग्वालियर से आई थी। रात भर वैवाहिक रस्में पूरी की जाती रहीं। इस दरम्यान सभी बेहद खुश थे। सुबह विदाई की बेला आई। तकरीबन साढ़े दस बजे नम आंखों से मायके पक्ष के लोगों ने दुल्हन को विदा किया।

दुल्हन भी मायके के सभी लोगों से मिलकर ससुराल के लिए चली। वह ग्वालियर निवासी दूल्हे के साथ कार में बैठी हुई थी। नई नवेली दुल्हन को विदा कराकर अपने साथ ले जाते हुए दूल्हा भी बेहद खुश था। रास्ते में दुल्हन को घबराहट महसूस हुई। इस पर गाड़ी के शीशे खोल दिए गए। इसके बाद वह सो गई।

सभी ने सोचा कि रात भर जागने की वजह से उसे नींद आ गई। बरात ससुराल के दरवाजे पर पहुंची। दरवाजे पर महिलाएं दुल्हन की आगवानी के लिए खड़ी थीं और वे मंगल गीत गा रहीं थीं। दुल्हन को गाड़ी से उतारने के लिए दरवाजा खोला तो वह अचेतावस्था में पड़ी हुई थी।

सोता हुआ समझकर दूल्हे और अन्य महिलाओं ने उसे जगाने की कोशिश की, लेकिन उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। आनन-फानन उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने दुल्हन को मृत घोषित कर दिया।

इसके साथ ही शादी के घर में कोहराम मच गया। परिजन चीख-पुकार करने लगे। सूचना पर मायके पक्ष के लोग भी ग्वालियर पहुंच गए। देर शाम उसका ग्वालियर में अंतिम संस्कार किया गया। भाई ने साइलेंट हर्ट अटैक से बहन की मौत होने की आशंका जताई है।

भाइयों की लाडली थी
युवती के पिता की कोरोना काल में साल 2021 में मौत हो गई थी। वह तीन भाइयों के बीच इकलौती बहन थी। घर में सभी उसे बहुत प्यार करते थे। भाइयों की वह लाडली थी। उसकी शादी में भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी गई थी। पूरी शिद्दत के साथ बरात की आगवानी की गई थी और धूमधाम से शादी हुई थी।

विदाई के वक्त भाइयों की आंखें नम थीं। वह दामाद और ससुराल पक्ष के लोगों से एक ही बात कह रहे थे कि बहन को हमेशा खुश रखना। किसी को जरा भी इस बात का गुमान नहीं था कि उनकी प्यारी बहन की ससुराल की दहलीज लांघने से पहले मौत हो जाएगी।