खबर शेयर करें -

टेक्नोलॉजी के इस दौर में बच्चे भी एडवांस हो गए हैं। कई बार बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि मोबाइल और इंटरनेट बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा बन रहे हैं। लेकिन कई बार इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं जिससे यह भी समझ आता है कि आजकल के बच्चे कितने एडवांस और विपरित हालात में तेजी से फैसला लेने की कला भी इंटरनेट के इस दौर में सीख रहे हैं।

यह भी पढ़ें -  💥 “UCC में नेपाल, तिब्बत और भूटान के नागरिकों को भी मान्यता!” — धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में आठ बड़े फैसले, महिला सशक्तिकरण से लेकर स्वास्थ्य सुधार तक 🌄💼

क्या है पूरा मामला

ताजा मामला उत्तरप्रदेश के बस्ती का है। यहां एक घर में बंदरों का झुंड घुस गया। जब बंदरों का झुंड घर में घुसा तो वहां एक मासूम बच्ची भी खेल रही थी। ऐसे में उसकी बड़ी बहन ने जिसकी उम्र 10 से 12 साल होगी। महज़ एक इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के सहारे अपनी बहन को उन बंदरों के झुंड से बचा लेती है।

एलेक्सा डिवाइस के सहारे बचाई बहन की जान

यह भी पढ़ें -  💥 “UCC में नेपाल, तिब्बत और भूटान के नागरिकों को भी मान्यता!” — धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में आठ बड़े फैसले, महिला सशक्तिकरण से लेकर स्वास्थ्य सुधार तक 🌄💼

जी हां, एलेक्सा डिवाइस के सहारे बड़ी बहन ने अपनी छोटी बहन की जान बचा ली। खूंखार बंदर जब घर में घुसे तो वह सामान इधर से उधर फेंकने लगे। बंदरों के झुंड के बीच निकिता की छोटी बहन भी फंस गई। ऐसे में पूरी संभावना थी कि बंदर बच्ची को नुकसान पहुंचा सकते थे। हमला कर देते तो जान जाने का भी भय था।

ऐसे में बड़ी बहन निकिता ने समझदारी का परिचय देते हुए अपनी बहन की जान बचा ली। उसने एलेक्सा डिवाइस को कमांड दी कि कुत्ते की आवाज निकालो। एलेक्सा डिवाइस ने जैसे ही कुत्ते की आवाज निकाली तो बंदर यह आवाज सुनकर तुरंत वहां से भाग गए। बंदरों के झुंड को लगा घर में कुत्ते हैं और उनपर हमला कर सकते हैं तो पूरा झुंड वहां से एक दम भाग निकला।