पिथौरागढ़ /बेरीनाग: डीडीहाट के चिडियाखान निवासी अर्जुन अवॉर्डी हरि दत्त कापड़ी का बीमारी के कारण पिथौरागढ़ में निधन हो गया है. निधन की जानकारी मिलते ही विभिन्न खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों में शोक की लहर फैल गई।.हरि दत्त कापड़ी बीईजी बॉयज कंपनी में 1957 को भर्ती हुए. उन्होंने 1960 से बॉस्केटबॉल खेलना शुरू किया. 1963 में पहली बार नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. 1971 में भारतीय बास्केटबाल टीम के कैप्टन चयनित हुए. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने एशियन चैम्पियनशिप टोक्यो में हिस्सा लिया.
वर्ष 1963 से 1978 तक भारतीय बास्केटबॉल टीम के कप्तान रहे. उनके नेतृत्व में सेना की टीम ने 14 बार स्वर्ण व एक बार कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया. उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ऐसे महान व्यक्तित्व जो हर एक जनमानस और युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. हरि दत्त कापड़ी के नाम से पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स स्टेडियम में दर्शक दीर्घा भी बनी हुई है. कापड़ी के निधन पर विभिन्न संगठनों ने शोक जताया है. हरि दत्त कापड़ी के निधन पर पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक फकीर राम टम्टा, बिशन सिंह चुफाल, दर्जा राज्य मंत्री हेमराज बिष्ट, ने शोक जताया है. पिथौरागढ़ में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध बास्केटबॉल खिलाड़ी हरि दत्त कापड़ी के निधन पर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये.
जिलाधिकारी ने हरि दत्त कापड़ी को भारतीय बास्केटबॉल के एक महान खिलाड़ी और प्रेरणास्रोत बताया. उन्होंने कहा कि कापड़ी ने अपने उत्कृष्ट खेल और समर्पण से न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में बास्केटबॉल को एक नई पहचान दिलाई. उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाना उनकी खेल प्रतिभा और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान है. जिलाधिकारी ने कहा हरि दत्त कापड़ी का निधन खेल जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.


