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त्तर प्रदेश एटीएस की जांच में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि अतीक और अशरफ युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए तैयार करते थे. इसके बाद उन्हें खाड़ी देशों के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाता था. इसके बदले में पाकिस्तान से हथियार मिलते थे.

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माफिया अतीक अहमद और अशरफ को लेकर यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा है. एटीएस की अब तक की जांच में पता चला है कि दोनों मुस्लिम युवाओं को विदेश भेजकर आतंकी संगठन से जोड़ते थे, इसके एवज में उन्हें हथियारों की खेप मिलती थी. यह हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब भेजे जाते थे. एटीएस इस बात की जांच में जुटी है कि ऐसे कितने युवा हैं, जिन्हें अतीक और अशरफ ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने भेजा है.

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ द्वारा जीशान कमर को ही नहीं, प्रयागराज से कई मुस्लिम नौजवानों को विदेश भेजने और आतंकी संगठन से जुड़ने की भूमिका सामने आई है. इसके बदले अतीक और अशरफ को इनाम के रूप में पाकिस्तान से हथियारों की खेप भेजी जाती थी.

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यूपी एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि सितंबर 2021 को यूपी एटीएस ने जीशान कमर को पकड़ा था, जिसके बाद अतीक अहमद और अशरफ से उसकी नजदीकी का खुलासा हुआ था.

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जीशान कमर सितंबर 2021 में प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था. उस पर पाकिस्तान जाकर हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग और जिहाद में हिस्सा लेने का मामला सामने आया था. वह भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहता था.

पासपोर्ट अधिकारी को अतीक के भाई अशरफ ने लिखा था पत्र

साल 2017 में अतीक के भाई अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को एक सिफारिशी पत्र लिखा था, जिसमें जीशान का पासपोर्ट जल्दी बनाने के लिए कहा था. जीशान की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है.

एटीएस ऐसे लोगों के दस्तावेज खंगाल रही है, जिनका पासपोर्ट बनाने के लिए अशरफ और अतीक ने सिफारिश की हो, यह भी जांच की जा रही है कि ऐसे कितने सिफारिशी पत्र भेजे गए.

ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से हथियार आते थे हथियार

यूपी एटीएस ने भी रिमांड के दौरान पूछताछ की थी, जिसमें पता चला था कि अतीक अहमद पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार मंगवाता था. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान हथियार भेजने के लिए पैसा नहीं लेता था.

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एटीएस को शक है कि अतीक और अशरफ प्रयागराज से मुस्लिम लड़कों को ISI में भर्ती कराता था. उनको तैयार करता था. इसके एवज में इनाम के रूप में हथियार सप्लाई किए जाते थे.

मुस्लिम नौजवानों को लालच देकर विदेश जाने के लिए करते थे तैयार

जांच में सामने आया है कि अतीक और अशरफ प्रयागराज में मुस्लिम बस्तियां बसाना चाहते थे, जिसमें प्रयागराज के करेली, खुल्दाबाद, शाहगंज, अतरसुइया, चकिया, अटाला और कसारी मसारी किला शामिल थे.

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बताया जा रहा है कि ये लोग मुस्लिम नौजवानों को पैसे और अन्य लालच देकर खाड़ी देश भेजने को तैयार करते थे, जिसके बाद वहां से पाकिस्तान भेजा जाता था. जांच में यह भी पता चला है कि अशरफ ISI के निर्देश के मुताबिक, युवाओं को भारत में काफिरों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मेंटली तैयार करता था.

अतीक और अशरफ के इशारे पर खाड़ी देश के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे हैं युवक

एटीएस जांच में जुटी है, जिसमें अभी तक सामने आया है कि अतीक और अशरफ के इशारे पर तैयार युवक हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए जिहाद में शामिल होने खाड़ी देश के जरिए पाकिस्तान पहुंचे हैं. इसके लिए प्रयागराज में पुलिस वेरीफिकेशन, मेडिकल टेस्ट और पासपोर्ट बनवाया था.

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किसी को कोई समस्या न हो, इसके लिए अतीक और अशरफ खुद हर नौजवान को फोन या लेटर पैड पर लिखकर सिफारिश करता था. यूपी एटीएस ऐसे युवाओं की सूची बना रही है. अशरफ और अतीक के द्वारा विदेश भेजे गए युवकों ने जो दस्तावेज लगाए हैं, विभागों से वे दस्तावेज मंगवाए जा रहे हैं.

15 अप्रैल को अतीक-अशरफ की कर दी गई थी हत्या

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को यूपी के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने हमला उस समय किया था, जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी. उसी समय पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तीनों हमलावर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं. तीनों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को गोली मारी थी.

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