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यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर के बाद बताया कि अनिल दुजाना अकेला था और वो अपने गुर्गों से मिलने जा रहा था. इसी दौरान उसकी सूचना यूपी एसटीएफ की टीम को मिली थी. उसी दौरान एसटीएफ ने घात लगाकर उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी.

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पश्चिमी यूपी और दिल्ली एनसीआर का कुख्यात गैंगस्टर-माफिया अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ के हाथों मेरठ में मारा गया. एसटीएफ ने अनिल दुजाना को उस वक्त निशाना बनाया, जब वो एक स्कार्पियो गाड़ी में सवार होकर किसी से मिलने जा रहा था. एसटीएफ के मुताबिक, अनिल दुजाना ने 15 राउंड फायरिंग की जबकि एसटीएफ की तरफ से 6 राउंड फायरिंग की गई. और इस तरह से इस एनकाउंटर में इस कुख्यात गैंगस्टर का अंत हो गया.

गुर्गों से मिलने जा रहा था दुजाना

यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर के बाद बताया कि अनिल दुजाना अकेला था और वो अपने गुर्गों से मिलने जा रहा था. इसी दौरान उसकी सूचना यूपी एसटीएफ की टीम को मिली थी. उसी दौरान एसटीएफ ने घात लगाकर उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाब में एसटीएफ की टीम ने भी फायरिंग की और अनिल दुजाना मारा गया.

ऐसे हुआ एनकाउंटर

जानकारी मिली है कि मुखबिर के जरिए पहले से इनपुट मिला था कि अनिल दुजाना दिल्ली नंबर की सफेद स्कॉर्पियो कार में बागपत से मुजफ्फरनगर जाने वाला है. वो मेरठ के इंटीरियर में भोले की झाल नहर के पास ये आएगा. ये कच्चा रास्ता है, जो गांव के अंदर की तरफ से निकलता है. एसटीएफ मेरठ की टीम ने पहले से पोजिशन लेकर उसका इंतजार किया.

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जैसे ही अनिल दुजाना की गाड़ी दिखाई दी तो उसे रोकने की कोशिश की गई. लेकिन उसने गाड़ी भगा दी. तभी सामने बिजली के पोल से गाड़ी टकराई गई. इसके बाद अनिल ने एसटीएफ पर फायरिंग कर दी. उसने करीब 12 राउंड फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने 6-7 राउंड फायरिंग की. अनिल की जेब से भी 10 कारतूस मिले हैं. उसके कब्जे से 2 विदेशी पिस्टल, एक तमंचा और पिस्टल समेत 70 कारतूस बरामद हुए हैं.

नाम के आगे इसलिए लगाता था दुजाना

गैंगस्टर अनिल दुजाना यूपी के जिला गौतमबुद्धनगर का रहने वाला था. उसके पैतृक गांव का नाम दुजाना है. यही वजह थी कि दुजाना गांव का रहने वाला अनिल नागर अपने नाम के आगे अपने गांव का नाम लगाया करता था और जुर्म की दुनिया में उसकी पहचान अनिल दुजाना के नाम से ही होती थी.

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इसलिए थी गैंगस्टर सुंदर भाटी से दुश्मनी
साल 2004 में गैंगस्टर सुंदर भाटी ने नरेश भाटी का मर्डर किया था. तभी से नरेश भाटी का भाई रणदीप भाटी और भांजा अमित कसाना उसकी मौत का बदला लेना चाहते थे. इस काम में अनिल दुजाना ने उनकी मदद की और उनका साथ दिया था. नवंबर 2011 में साहिबाबाद के भोपुरा गेस्ट हाउस में एक शादी थी. जहां गैंगस्टर सुंदर भाटी भी पहुंचा था. उस वक्त वहां नरेश भाटी का भाई रणदीप, भांजा अमित कसाना और अनिल दुजाना एके-47 लेकर पहुंचे थे और ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस हमले में सुंदर भाटी तो बच गया था, लेकिन वहां मौजूद 3 अन्य लोग मारे गए थे. इसी तिहरे हत्याकांड में अनिल दुजाना को जनवरी 2012 में गिरफ्तार कर लिया गया था.

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दुजाना के भाई की हत्या
इस हमले की वजह से गैंगस्टर सुंदर भाटी बौखला गया था. नतीजा ये हुआ कि उसने जनवरी 2014 में अनिल दुजाना के घर पर हमला करवा दिया था. उस हमले में अनिल दुजाना के भाई जय भगवान की मौत हो गई थी. इसके बाद इस हत्याकांड और हमले को लेकर सुंदर भाटी समेत आठ लोगों को नामजद किया गया था. पुलिस उनके पीछे पड़ गई थी.

सुंदर भाटी गैंग के शूटर राहुल का मर्डर
घर पर हुए हमले से अनिल दुजाना भी गुस्से में था. वो बदला लेना चाहता था. और उसे एक दिन मौका मिल गया. नतीजा ये हुआ कि अनिल दुजाना गैंग ने मौका पाते ही सुंदर भाटी के खास शूटर राहुल को मौत के घाट उतार दिया था. कुख्यात माफिया सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गैंग के बीच ये रंजिश चलती आ रही है, इस रंजिश में कई हत्याएं हो चुकी हैं.

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बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाकर होती थी पेशी
सुंदर भाटी गैंग और अनिल दुजाना गैंग सरकारी ठेकों, सरिया की अवैध तरीके से चोरी, टोल के ठेकों को लेकर आपस में लड़ता था. गैंगवार की वजह से पुलिस हिरासत में भी अनिल दुजाना पर जान का खतरा बना रहता था. यही वजह थी कि जब भी पुलिस दुजाना को पेशी के लिए कोर्ट में लाती थी, तो उसे बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाई जाती थी. पुलिस के कई हथियारबंद जवान उसे घेर कर चलते थे.

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2012 से 2021 तक जेल में था दुजाना 
दुजाना पर हत्या और जबरन वसूली सहित 62 मामले दर्ज थे. वह साल 2012 से जेल में था, लेकिन 2021 में उसे जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में 7 जनवरी 2022 को दिल्ली पुलिस ने उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया था. वो अभी तक जेल में ही था. लेकिन इसी साल 10 अप्रैल को वो जमानत पर जेल से बाहर आ गया था.

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पत्नी लड़ना चाहती थी चुनाव
साल 2021 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान गौतमबुद्ध नगर के जिला पंचायत वार्ड नंबर 2 से अनिल दुजाना की पत्नी पूजा नागर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी. इस बात से दूसरे उम्मीदवार खौफजदा थे. लेकिन इसी दौरान अनिल दुजाना पर फिर से धमकी दिए जाने का मामला दर्ज हुआ और उसकी पत्नी पूजा ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.

दुजाना के खिलाफ दर्ज हैं 62 केस
दुजाना के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी क्षैत्र दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 62 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पिछले साल पुलिस ने अनिल दुजाना के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया था. गैंगस्टर अनिल दुजाना के खिलाफ दिल्ली में भी आर्म्स एक्ट का केस दर्ज था. इसी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की थी. तभी से वो जेल में बंद था. लेकिन 10 अप्रैल 2023 को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
बात 7 जनवरी 2022 की है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम अनिल दुजाना और उसके गैंग के खिलाफ काफी समय से सबूत जुटाने में लगी हुई थी. पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी कि अनिल दुजाना दिल्ली में ही छिपा हुआ है और किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहा है. इसके बाद पुलिस ने अपराधी के संभावित ठिकाने की तलाश करनी शुरू की थी, तब पुलिस को पता चला था कि वो पूर्वी दिल्ली के चिल्ला गांव में छिपा हुआ है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्रैप लगाकर अनिल दुजाना के ठिकाने पर दबिश दी थी और उसे धर दबोचा था.

उस वक्त पकड़ में आए अनिल दुजाना के साथ उसके दो साथी सचिन गुर्जर और रकम सिंह भी गिरफ्तार हुए थे. पुलिस के मुताबिक, ये तीनों दिल्ली में किसी से बदला लेने की नीयत से छिपे हुए थे. पुलिस के पास इस बात की जानकारी थी कि अनिल दुजाना या तो कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्पलेक्स या फिर मंडावली इलाके में किसी पर जानलेवा हमला करेगा.

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असल में अनिल दुजाना गैंग की कई लोगों के साथ आपसी रंजिश चल रही थी. उस वक्त इसकी गिरफ्तारी हो जाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर इलाके में गैंगवार की संभावना को टाल दिया गया था.

अनिल दुजाना के खिलाफ नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और जबरन उगाही जैसे संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज है. पिछले साल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि गैंगस्टर अनिल दुजाना गैंग के पास जो हथियार पहुंचते हैं, उसका सोर्स क्या हैं और वो कहां से आते हैं? इसके गैंग के कितने और एक्टिव मेंबर हैं और वह किन जगहों पर छिपे हुए हैं?

साल 2020 में जब हुई थी करोड़ों की संपत्ति
गौतमबुद्ध नगर में गैंगस्टर अनिल दुजाना और उसके दुश्मन सुंदर भाटी का खासा प्रभाव था. यूपी पुलिस के कई अधिकारियों और जवानों से इनके संबंध थे. यही नहीं, जिले की राजनीति में भी इनका दबदबा दिखाई देता था. इसी रसूख के दम पर ही ये दोनों जेल से गैंग चलाते रहे. लेकिन जुलाई 2020 में यूपी की योगी सरकार ने 2 दिन के अंदर नोएडा और पश्चिमी यूपी में कुख्यात डॉन सुंदर भाटी और अनिल दुजाना पर शिकंजा कस दिया था. उस वक्त यूपी पुलिस ने जिला गौतमबुद्धनगर में मौजूद इन दोनों की 11 करोड़ 35 लाख की संपत्ति जब्त कर ली थी.

जून 2022 में पकड़ा गया था खास गुर्गा
उस वक्त ग्रेटर नोएडा में थाना दादरी पुलिस और 75 हजार रुपये के इनामी बदमाश अनुज के बीच मुठभेड़ हो गई थी. इस दौरान अनुज के पैरों में गोली लगने से वो घायल हो गया था और पुलिस ने धरदबोचा था. अनिल दुजाना के शार्प शूटर अनुज पर एक दर्जन से ज्यादा हत्या, डकैती और रंगदारी के मुकदमे दर्ज हैं. अनुज पिछले 9 साल से गैंगस्टर एक्ट के मामले में फरार था. पकड़े जाने पर पुलिस ने उसके पास से एक कार, अवैध हथियार समेत जिंदा कारतूस बरामद किए थे.

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