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वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है. मां बगलामुखी उन दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें तंत्र से जुड़ी सबसे बड़ी देवी माना गया है. कहा जाता है यह वही दिन है जिस दिन देवी बगलामुखी अवतरित हुई थी. बगलामुखी माता को पितांबरी भी कहा जाता है.

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बगलामुखी जयंती हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. कहा जाता है यह वही दिन है जिस दिन देवी बगलामुखी अवतरित हुई थी. सच्ची आस्था और सही विधि से पूजा की जाए तो बगलामुखी देवी अपने भक्तों को शत्रुओं से जुड़ी तमाम समस्याओं से दूर रखती हैं. इस बार बगलामुखी जयंती 28 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है.

10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी को माना जाता है. कहा जाता है यदि सारे ब्रह्मांड की शक्तियां मिल भी जाए तो वह मां बगलामुखी का मुकाबला नहीं कर सकती हैं. इसके अलावा मां बगलामुखी को पीला रंग बेहद ही प्रिय है, जिसके चलते उन्हें पितांबरी भी कहा जाता है.

बगलामुखी जयंती शुभ मुहूर्त (Baglamukhi Jayanti 2023 Shubh Muhurat)

इस साल बगलामुखी जयंती 28 अप्रैल 2023 यानी आज है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज माता बगलामुखी की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 बजे तक रहेगा. इसके अलावा चाहें तो पूर्वाह्न में 03 बजकर 57 से 04 बजकर 41 बजे तक का समय भी बगलामुखी की साधना-आराधना के लिए अच्छा है.

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बगलामुखी जयंती पूजन विधि (Baglamukhi Jayanti 2023 Pujan Vidhi)

बगलामुखी जयंती के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पूजा प्रारंभ करें. इस दिन की पूजा में मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए. इसके बाद पूजा में जितना हो सके पीले रंग को शामिल करें. जैसे मां का आसन पीले रंग का रखें, मां को वस्त्र पीले रंग के पहनाएं, पूजा में पीले रंग का फूल शामिल करें, फल पीले रंग के शामिल करें इत्यादि. विधिवत रूप से पूजा आदि करने के बाद अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान दें. बहुत से लोग इस दिन व्रत भी करते हैं. ऐसे में जिन लोगों को बगलामुखी जयंती के दिन व्रत रखना होता है वो इस दिन रात के समय फलाहार भोजन कर सकते हैं. इसके बाद अगले दिन स्नान आदि करने के बाद पूजा की जाती है और इसके बाद ही आप भोजन ग्रहण कर सकते हैं.

बगलामुखी जयंती उपाय (Baglamukhi Jayanti 2023 Upay)

1. मां बगलामुखी अपने भक्तों की सदैव रक्षा करती हैं और प्रसन्न होने पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं. ऐसे में यदि आप चाहें तो मां बगलामुखी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए इस पूजा में ज्यादा से ज्यादा पीले रंग शामिल करें. क्योंकि मां बगलामुखी को यह रंग बेहद ही प्रिय होता है. इसके अलावा इस दिन की पूजा में भी पीले रंग के वस्त्र ही धारण करें.

2. इसके अलावा पूजा में भोग शामिल करने का भी अपना अलग महत्व होता है. ऐसा करने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं. ऐसे में बगलामुखी जयंती के दिन अपनी इच्छा के अनुसार मां को भोग अवश्य अर्पित करें. पीली वस्तुओं का भोग अर्पित करें. इसके अलावा भोग में यदि पान, पीले रंग की कोई मिठाई, पीले रंग का फल और पांच मेवा शामिल किया जाए तो इससे भी मां बगलामुखी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और जीवन में आर्थिक सम्पन्नता का आशीर्वाद बनाए रखती हैं.

3. बगलामुखी जयंती के दिन आप मां को चने की दाल अर्पित कर सकते हैं. ऐसा करने से नजर दोष दूर होता है. पूजा करने के बाद इस दाल को किसी ब्राह्मण को दान कर दें.

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