कुश्ती महासंघ के खिलाफ पहलवानों के आरोपों पर खेल मंत्रालय एक्शन में देखा जा रहा है. एक दिन पहले ओलंपिक महासंघ ने सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का फैसला लिया था, उसके बाद खेल मंत्रालय ने भी एक निगरानी समिति से जांच कराने का निर्णय लिया है. शनिवार को खेल मंत्रालय ने WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी का सस्पेंड कर दिया है और रैंकिग टूर्नामेंट को भी रद्द करने का आदेश दिया है.
भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच दंगल में खेल मंत्रालय को रेफरी के तौर पर एक्शन में देखा जा रहा है. चार दिन से लगातार खेल मंत्रालय पूरे मामले में एक्टिव है और कड़े फैसले लेने से नहीं हिचक रहा है. शनिवार को खेल मंत्रालय ने फिर दो बड़े फैसले लिए. शाम को WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को अनुशासहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. खेल मंत्रालय को लगातार कुश्ती महासंघ पर शिकंजा कसते देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि ये एक्शन आने वाले दिनों में WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ने की तरफ संकेत दे रहे हैं. एक दिन पहले ही मंत्रालय ने महासंघ को खास हिदायत भी दी थी.
बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने धरना देना शुरू किया था. इनका आरोप था कि महिला पहलवानों का यौन शोषण किया जाता है. उनके साथ अभद्रता की जाती है और परेशान किया जाता है. ये सारे आरोप कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, कोच और रेफरी पर लगाए गए थे. इस मामले में बुधवार को ही खेल मंत्रालय ने WFI से 72 घंटे में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे.
ओलंपिक संघ ने भी बनाई जांच कमेटी
उसके बाद दूसरे दिन पहलवानों ने दिन में खेल मंत्रालय के अफसरों से मुलाकात की. शाम को खेल मंत्री ने डिनर पर बुलाया और बातचीत की. उनकी मांगें सुनने के बाद जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था. हालांकि, बात नहीं बनने पर पहलवान तीसरे दिन शुक्रवार को भी धरने पर डटे रहे. शाम को भारतीय ओलंपिक संघ ने शिकायतों को गंभीरता से लिया और सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का फैसला लिया था.
खेल मंत्रालय की निगरानी कमेटी करेगी जांच
इस बीच, देर रात एक बार फिर पहलवानों को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुलाया और मांगों पर चर्चा की. उसके बाद धरना खत्म करने का ऐलान किया गया. खेल मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि एक निगरानी कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें शामिल लोगों के नामों की घोषणा शनिवार को की जाएगी. ये कमेटी 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी और डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच करेगी.
जांच होने तक महासंघ के कार्यों से दूर रहेंगे बृजभूषण
खेल मंत्री ने आगे कहा था कि खिलाड़ियों के आरोपों के बाद हमने WFI को नोटिस भेज दिया था और 72 घंटे के अंदर इसका जवाब मांगा था. अब जांच कमेटी गठित की जा रही है. जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे और वह जांच में सहयोग करेंगे. WFI के अफसर जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
बृजभूषण का समर्थन करने पर सेक्रेटरी सस्पेंड
हालांकि, इस घोषणा के दूसरे ही दिन शनिवार को कुश्ती महासंघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर का बयान आ गया. उन्होंने खुलकर बृजभूषण शरण सिंह का पक्ष लिया और कहा- फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते. जांच की रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे और उसी के बाद आरोपों को लेकर के अपनी बात सामने रखेंगे.
विनोद तोमर ने आगे कहा- बृजभूषण अध्यक्ष के पद पर अभी भी काबिज हैं, लेकिन जांच चलने तक खुद को किसी भी आधिकारिक काम से दूर रखेंगे. कल होने वाली जनरल बॉडी की मीटिंग में वह अपने स्टेटस को बताएंगे और देशभर के प्रतिनिधियों के बीच इस विषय पर भी चर्चा होगी.
एक्शन में देखा जा रहा है खेल मंत्रालय
तोमर के इस बयान से एक बार फिर माहौल गरमा गया. खेल मंत्रालय ने तत्काल बयान को संज्ञान में लिया और सस्पेंड कर दिया. मंत्रालय का कहना था कि हमने विनोद तोमर की भूमिका समेत WFI के कामकाज के बारे में रिपोर्टों पर ध्यान दिया. इन रिपोर्ट में मंत्रालय ने पाया कि विनोद तोमर की मौजूदगी अनुशासन के हिसाब से अनुचित है. खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड 2011 (अनुबंध-IX) के प्रावधानों के मुताबिक सहायक सचिव विनोद तोमर को तत्काल निलंबित करने का फैसला किया है.
इस फैसले के बाद खेल मंत्रालय ने एक और आदेश जारी किया और कहा- खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को सूचित किया है कि एथलीटों की तरफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एक निगरानी समिति नियुक्त करने का फैसला लिया है. ऐसी स्थिति में जब तक निगरानी समिति औपचारिक रूप से नियुक्त नहीं हो जाती और WFI के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को संभाल नहीं लेती है, तब तक महासंघ अपनी सभी चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करेगा.
गोंडा में रैंकिंग टूर्नामेंट भी रद्द किया गया
खेल मंत्रालय ने आगे कहा- सभी गतिविधियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश के मद्देनजर WFI को गोंडा (यूपी) में चल रहे रैंकिंग टूर्नामेंट को भी रद्द करना होगा. मंत्रालय ने इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से लिए गए प्रवेश शुल्क को वापस करने के निर्देश दिए हैं. खेल मंत्रालय ने एक अन्य फैसले में WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है ताकि WFI का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके.
WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को ठहराया गलत
बताते चलें कि कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को अपना जवाब भेज दिया है. WFI ने इन आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ गलत व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठ बताया है. इसके साथ ही WFI ने पहलवानों को लेकर सवाल उठाए और महासंघ के तत्वावधान में आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में जानकारी शेयर की है.
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिए ये तर्क
WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सरकार को जो जानकारी दी है, उसमें कुछ तर्क भी दिए हैं और कहा- महासंघ में एक यौन उत्पीड़न कमेटी एक्टिव है. अगर ऐसा घटित हुआ तो उसे कभी कोई शिकायत क्यों नहीं मिली है. आगे कहा- यौन उत्पीड़न कमेटी के सदस्यों में से एक नाम साक्षी मलिक का है. वे विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. WFI ने ये भी दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है और एक विशेष राज्य (हरियाणा) के पहलवान इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा, विरोध निहित स्वार्थों से प्रेरित हैं, क्योंकि WFI के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.
बजरंग पुनिया बोले- निष्पक्ष जांच की उम्मीद
पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें विश्वास है कि निष्पक्ष जांच होगी. पूनिया ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी. इसलिए हम अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले रहे हैं. इसके साथ ही खिलाड़ी ने कहा कि पहले भी WFI अध्यक्ष की तरफ़ से खिलाड़ियों को धमकी मिली है. उसको लेकर भी हमें आश्वासन मिला है.
22 जनवरी को मीडिया से बात करेंगे बृजभूषण
WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों को लेकर पहले ही दिन सफाई थी. उन्होंने कहा था कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. वह जांच की मांग करते हैं. अगर दोषी पाए जाते हैं तो फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैं. एक दिन पहले उनके बेटे प्रतीक सिंह ने बताया कि वह (बृज भूषण शरण सिंह) WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे. हमने खेल मंत्रालय को आधिकारिक जवाब दे दिया है. हमारी एनुअल मीट अयोध्या में होगी. बृजभूषण यूपी के गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं. बृजभूषण छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.