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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद समेत 20 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई हेतु 5 मई की तिथि नियत की है. दरअसल अब्दुल मलिक को सरकारी भूमि को खुर्द बुर्द करने के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है. जबकि दंगा फैलाने के मामले में अब्दुल मलिक और 19 अन्य आरोपियों को अभी तक जमानत नहीं मिली है.

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मामले के अनुसार, मलिक समेत अन्य के खिलाफ बनभूलपुरा दंगे के समय चार मुकदमे दर्ज हुए थे. जिसमें से एक मामला ये भी था कि मलिक ने कूटरचित, झूठा शपथ पत्र के आधार पर राजकीय भूमि को हड़पने का कार्य किया. यही नहीं, उनके द्वारा नजूल भूमि पर कब्जा करके प्लॉटिंग, अवैध निर्माण करके उसे बेचा गया. राज्य सरकार की तरफ से उनकी जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि बनभूलपुरा कांड की शुरुआत यहीं से हुई थी. जब प्रशासन इस अवैध अतिक्रमण को हटाने गया तो उनके ऊपर पथराव किया गया. बाद में इसने हिंसा का रूप ले लिया. इसी हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा गया. जबकि पुलिस और अन्य लोग घायल हो गए. कईयों की जान तक चली गई. दंगे से संबंधित मामलों में इनकी जमानत नहीं हुई है. इसलिए इनकी जमानत निरस्त किया जा.

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आरोपियों का कहना है कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. एफआईआर में उनका नाम नहीं है. पुलिस ने उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. दंगें में शामिल कई लोगों को जमानत पहले ही कोर्ट से मिल चुकी है.