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बसंत पंचमी को पारंपरिक रूप से बच्चों की शिक्षा के लिए काफी शुभ माना गया है. इसलिए देश के अनेक भागों में इस दिन बच्चों की पढाई-लिखाई का श्रीगणेश किया जाता है. ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की जिन पर कृपा होती है, उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान मिलता है.

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. उपासना के इसी पर्व को बसंत पंचमी कहते हैं. बसंत पंचमी को पारंपरिक रूप से बच्चों की शिक्षा के लिए काफी शुभ माना गया है. इसलिए देश के अनेक भागों में इस दिन बच्चों की पढाई-लिखाई का श्रीगणेश किया जाता है. ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा जिन पर होती है, उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान मिलता है. बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी यानी आज है.

बसंत पंमची का महत्व (Basant Panchami Significance)
बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है. साल के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ माना जाता है. इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधि काल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या का योग नहीं है या शिक्षा में बाधाएं आती हैं तो इस दिन मां सरस्वती की पूजा अत्यंत मंगलकारी हो सकती है.

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मां सरस्वती की पूजन विधि (Basant Panchami Pujan Vidhi)
बसंत पंचमी के दिन जल्दी उठें. स्नानादि के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें. मां सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें. देवी की प्रतिमा को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें. इस दिन पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक,वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज आवश्यक रखें. इसके बाद एक साफ थाली में कुमकुम, हल्दी, चावल, और फूलों से सजा कर भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें। इसके बाद मां सरस्वती को मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिसरी, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में अर्पित करें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले व सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. पूजा के दौरान मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा.

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बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2023 Shubh Muhurt)
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. उदिया तिथि के चलते बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी दिन गुरुवार यानी आज मनाया जाएगा. सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है.

बसंत पंचमी पर न करें ये 5 गलतियां (Basant Panchami Mistakes)
1. घर-परिवार में किसी के साथ झगड़ा न करें.
2. फसल न काटें. पेड़-पौधों को तोड़ने-काटने से बचें
3. लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों से परहेज करें. मांसाहारी भोजन न करें. मदिरापान का सेवन भी वर्जित है.
4. बड़ों का अनादर न करें. उनकी कही बातों की अवहेलना न करें.
5. धूम्रपान से भी दूरी बनाकर रखें.

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बसंती पंचमी पर ग्रह दोष से मुक्ति (Basant Panchami Grah Dosha Upay)
कुंडली में बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है. ऐसी स्थिति में मां सरस्वती की उपासना करें. मां सरस्वती को हरे फल अर्पित करें. बृहस्पति कमजोर हो तो विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है. बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनकर देवी को पीले फूल और फल अर्पित करें. अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता रहती है. करियर का चुनाव नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में सफेद फूलों से मां सरस्वती की उपासना करें.

बसंत पंचमी के महाप्रयोग (Basant Panchami Upay)
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को कलम अर्पित करें और सालभर उसी कलम का प्रयोग करें. पीले या सफेद वस्त्र जरूर धारण करें. काले रंग से बचाव करें. सात्विक भोजन करें और प्रसन्न रहें. बसंत पंचमी पर स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा. घर में खीर जरूर बनाएं. आप चाहें तो इसे प्रसाद के रूप में वितरित भी कर सकते हैं.