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नई दिल्ली। मानहानी केस में न्यायालय द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद आज राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई।
बताते चलें कि गुजरात के एक न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें कल गुरूवार को दो साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि न्यायालय ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी है, ताकि वह न्यायालय के फैसले को ऊपरी न्यायालय में चुनौती दे सकें।

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न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद आज राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई। जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अपरिचित घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए 6 साल तक अयोग्य हो जाएगी।
इसके परिणाम स्वरूप राहुल गांधी अब 8 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। यदि उच्च न्यायालय उन्हें निर्दोष ठहराता है तब ही वह 2024 का चुनाव लड़ पाएंगे।
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मोदी उपनाम को लेकर यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा के दौरान की थी। राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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