खबर शेयर करें -

वन भूमि पर दशकों से बसे हजारों परिवारों को वन विभाग ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर बने गोठ,खत्ते,वन ग्राम व टोंग्या गांवों में अतिक्रमण नहीं हटेगा।

जिलेवार रिजल्ट का प्रतिशत – बोर्ड परीक्षा में मैदान से आगे रहे पहाड़ी जिले, देखें उत्तराखंड के हर जिले का रिजल्ट

वन भूमि पर दशकों से बसे हजारों परिवारों को वन विभाग ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर बने गोठ,खत्ते,वन ग्राम व टोंग्या गांवों में अतिक्रमण नहीं हटेगा। इनके लिए सरकार अलग से पालिसी बनाएगी। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ.पराग मधुकर धकाते ने भी डीएफओ व पार्क निदेशकों को गुरुवार को आदेश जारी किए। इस बीच तमाम अफवाहों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस संबंध में वीडियो जारी कर अफवाहों को नजरअंदाज करने को कहा है।

यह भी पढ़ें -  दिल्ली-मुंबई जाने वालों के लिए गुड न्यूज, लालकुंआ से इस दिन शुरू होगी एक और ट्रेन

गोठ, खत्तों,वनग्राम व टोंग्या गांवों में हजारों की आबादी बीते पचास साल से रह रही है। अतिक्रमण अभियान के तहत वन विभाग ने इन्हें भी नोटिस दिया है। अब सीसीएफ डॉ.धकाते की ओर से इनको नहीं हटाने के आदेश जारी किए गए। आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इनके लिए अलग पॉलिसी बनाई जानी है। पॉलिसी बनने तक उन्हें नहीं हटाया जाएगा। वहीं, धकाते ने बताया कि वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों को फर्जी नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के नोटिस रेंज स्तर पर रेंजर या फॉरेस्टर की ओर से जारी होने की जानकारी मिली है। ये भारतीय वन अधिनियम 1927की धारा 41(क) व (ख) का उल्लंघन है। ये नोटिस डीएफओ या पार्क निदेशक जारी कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें -  आईआईटी रुड़की की मेस के खाने में मिले चूहे, छात्रों ने जमकर किया हंगामा, वायरल हुआ वीडियो

ट्रैक्टर ट्रॉली ने स्कूटी को मारी टक्कर, स्कूल संचालक और एक बच्चे की दर्दनाक मौत

You missed