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वन अधिकार समिति क्षेत्र ने भी सौंपे उप जिलाधिकारी को साक्ष्य उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा ने कहा वन अधिकार समिति ने आपत्ति के संदर्भ में दे दिया है जवाब अब उपखंड स्तरीय बैठक में रखा जाएगा मामला

बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित किए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है अब की दफा बिंदुखत्ता संघर्ष समिति ने लड़ेंगे जीतेंगे का नारा देकर आंदोलन का शंखनाद कर दिया है बाकायदा इसके लिए तारीख भी घोषित कर दी गई है 11 फरवरी को लालकुआं चलो के आह्वान के साथ जोरदार प्रदर्शन की तैयारी चल रही है बिंदुखत्ता संघर्ष समिति द्वारा गांव-गांव घर-घर जाकर इस मुहिम को धारदार किया जा रहा है बिंदुखत्ता संघर्ष समिति के सभी सदस्य पूरी जी जान से बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिलाए जाने के लिए जुटे हैं वहीं आंदोलन के अलावा अपने दावे को मजबूती के साथ रखने के लिए गठित की गई वनाधिकार समिति भी इस दिशा में पूरी शिद्दत के साथ आगे बढ़ रही है पूर्व में उप जिलाधिकारी द्वारा वनाअधिकार समिति से वन अधिकार अधिनियम 2005 से पूर्व तीन पीढ़ियों अथवा 75 वर्षों का कोई ठोस साक्ष्य देने का आदेश जारी किया था इस पर वनाधिकार समिति द्वारा ठोस साक्ष्य दिए जाने की बात की गई है वनाधिकार समिति द्वारा आपत्तियों का जवाब दिए जाने की पुष्टि उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा द्वारा भी कर दी गई है उनका कहना है कि जो आपत्ति लगाई गई थी उस पर समिति ने जवाब दिया है अब इसे उपखंड स्तरीय कमेटी की अगली मीटिंग में रखा जाएगा फिलहाल उसकी डेट अभी तय नहीं की गई है दोनों ही ओर से राजस्व गांव अविलंब बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है बिंदुखत्ता संघर्ष समिति का मानना है कि अब आश्वासन का झुनझुना नहीं बल्कि मजबूत आधार के बाद ही आंदोलन से दम लिया जाएगा जब तक राजस्व गांव का दर्जा नहीं मिल जाता बिंदुखत्ता संघर्ष समिति शांत नहीं बैठेगी उल्लेखनीय की बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाए जाने की मांग दशकों पुरानी है तमाम जन आंदोलन के बाद बिंदुखत्ता में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें राजकीय स्कूलों की स्थापना की गई वर्ष 2002 में उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचित कांग्रेस की सरकार के आते ही यहां विद्युतीकरण एवं सड़कों का जाल बिछा स्वास्थ्य सुविधाएं भी यहां पर बहाल की गई कांग्रेस शासन में बिंदुखत्ता में विकास के रफ्तार काफी तेजी से बड़ी वर्ष 2012 में कांग्रेस की फिर पुनर्वापसी हुई एक बार फिर बिंदुखत्ता में विकास की रफ्तार काफी तेजी से आगे बढ़ी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बिंदुखत्ता को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने का ऐलान कर दिया गया लेकिन लोग राजस्व गांव से कमतर कुछ भी स्वीकार करने को राजी नहीं हुए आखिरकार नगर पालिका वापस लो के तहत जबरदस्त जन आंदोलन चला और सरकार को बैक फुट पर आना पड़ा लिहाजा नगर पालिका खारिज कर दी गई मौजूदा दौर में वे लोग जो कभी नगर पालिका के पक्ष में थे तथा जो विरोध में थे दोनों ही एक स्वर में राजस्व गांव की मांग उठा रहे हैं और इसको लेकर आर पार की लड़ाई का भी ऐलान किया जा चुका है गत वर्ष 7 जून को भीषण गर्मी के बावजूद हजारों की संख्या में बिंदुखत्ता के लोगों ने जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जड़ सेक्टर के प्रांगण से लालकुआं तहसील तक जुलूस निकालकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि अब कोई ठोस रास्ता निकलेगा लेकिन बिंदुखत्ता के लोग अब अपने को छला हुआ महसूस कर रहे हैं और उनके सब्र का बांध जवाब दे रहा है लिहाजा एक बार फिर से राजस्व गांव की मांग को लेकर धारदार आंदोलन की मुहिम शुरू होने वाली है बिंदुखत्ता संघर्ष समिति के सभी कार्यकर्ता सदस्य पदाधिकारी डोर टू डोर कैंपेनिंग कर राजस्व गांव की मांग को लेकर 11 फरवरी को किए जाने वाले आंदोलन को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं फिलहाल इस समय उन्हें अच्छा समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है

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